अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स समेत जून से फंसे दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने के लिए ‘स्पेस एक्स’ का नया ‘कैप्सूल’ रविवार को अंतरिक्ष पहुंचा।
‘स्पेस एक्स’ ने बचाव अभियान के लिए शनिवार को उड़ान भरी। चार सीट वाले कैप्सूल में क्षमता से कम केवल दो अंतरिक्ष यात्री हैं। दो सीट अंतरिक्ष में फंसे बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स के लिए खाली रखी गई हैं। कैप्सूल के अगले साल धरती पर लौटने की संभावना है।
‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) ने ‘बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल’ में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के बाद विल्मोर और विलियम्स को ‘स्पेसएक्स कैप्सूल’ से धरती पर लाने का फैसला किया। अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरने वाला यह स्टारलाइनर का यह पहला यान था।
नासा ने कहा कि उड़ान के बाद ‘थ्रस्टर’ की विफलता और ‘हीलियम’ रिसाव की समस्या बहुत गंभीर है। इसी कारण स्टारलाइनर इस महीने की शुरुआत में खाली ही धरती पर लौटा।
‘ड्रैगन’ के साथ गए नासा के निक हेग और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के एलेक्जेंडर गोर्बूनोव फरवरी तक अंतरिक्ष स्टेशन में ही रहेंगे। वहीं विल्मोर और विलियम्स के लिए अंतरिक्ष स्टेशन में यह प्रवास आठ महीने लंबा हो जाएगा।