महाकुंभनगर, विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम महाकुंभ मेले में शनिवार को विभिन्न देशों के राजनयिकों और विदेशी अतिथियों का आगमन हुआ। मेले की आभा से अभिभूत इन राजनयिकों ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति और धरोहर की भव्यता को दर्शाता है।
प्रयागराज के महाकुंभ में पहुंचकर इन लोगों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया। इन अतिथियों ने योगी आदित्यनाथ की सरकार और विदेश मंत्रालय द्वारा राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था किए जाने पर खुशी भी जताई।
शनिवार को 73 देशों से आए 118 राजनयिकों का अरैल में भव्य स्वागत किया गया।
भारत में जापान के राजदूत केइची ओने ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय ने राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था की। महाकुंभ मेला बहुत ही खास आयोजन है। मैं हिंदू संस्कृति को समझने के लिए यहां आने को लेकर बहुत उत्सुक था।
भारत में अर्जेंटीना के राजदूत मारियानो काउचिनो ने कहा, “मैं इस महत्वपूर्ण आयोजन में हिस्सा लेकर बहुत खुश हूं। यहां की परंपराओं का पालन करके बहुत खुशी हो रही है।”
भारत में लिथुआनिया की राजदूत डायना मिकेविकिये ने कहा, “मैं कई वर्षों से भारत से जुड़ी हुई हूं। मैं हमेशा यहां आना चाहती थी, लेकिन कभी किसी कुंभ में जाने का अवसर नहीं मिला। आज यह खास और शुभ अवसर आया है। यह सौभाग्य की बात है कि मैं भारत में हूं।
उन्होंने कहा, “मैं यहां के वातावरण का आनंद लूंगी। यह दृश्य मेरी आंखों और आत्मा के लिए गौरवान्वित करने वाला है। मैं यहां पवित्र संगम में स्नान करूंगी। यह निश्चित रूप से भारतीय धरोहर और संस्कृति की भव्यता को दर्शाता है, जिस पर गर्व होना चाहिए।
एक सरकारी बयान के मुताबिक, ये राजनयिक अक्षयवट, सरस्वती कूप और लेटे हुए हनुमान मंदिर का दर्शन भी करेंगे। बयान के अनुसार, जिन देशों के राजनयिक महाकुंभ में शिरकत कर रहे हैं, उनमें अमेरिका, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, रूस, स्विट्जरलैंड, जापान, न्यूजीलैंड, जर्मनी, नेपाल और कनाडा शामिल हैं। इससे पहले, 2019 के कुंभ में भी 73 देशों के राजनयिकों को बुलाया गया था।