नोएडा, कुख्यात गैंगस्टर रवि काना के बड़े भाई हरेंद्र प्रधान की हत्या के मामले में सुंदर भाटी और उसके गिरोह से जुड़े लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने वाले गौतम बुद्ध नगर जनपद के अपर जिला न्यायाधीश रहे डॉक्टर अनिल कुमार की कार का बोलेरो जीप सवार पांच बदमाशों ने अलीगढ़ जनपद के खैर थाना क्षेत्र में राजमार्ग पर पीछा किया और हथियार दिखाकर उन्हें धमकाने का प्रयास किया। न्यायाधीश ने खुद को घिरता देख सोफा पुलिस चौकी पहुंचकर अपनी जान बचाई और नौ नवंबर को थाना खैर में मामला दर्ज कराया।
अलीगढ़ पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि न्यायाधीश अनिल कुमार इस समय फर्रुखाबाद में विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) पद पर तैनात हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे सुंदर भाटी गिरोह के शामिल होने का शक जताया गया है।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह घटना 14 दिन पहले हुई जब न्यायाधीश नोएडा जा रहे थे। इस घटना से छह दिन पहले ही सुंदर भाटी सोनभद्र जेल से रिहा हुआ था। इस बारे में जांच की जा रही है कि संबंधित घटना के दिन सुंदर भाटी की लोकेशन कहां थी। पुलिस को अलीगढ़ में सुंदर भाटी गिरोह का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है।
अधिकारी ने बताया कि घटना 29 अक्टूबर को रात 8 बजे के आसपास हुई। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने इस मामले में सोफा चौकी प्रभारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी को सूचना दी।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि फोन पर खैर थाना प्रभारी निरीक्षक डीके सिसोदिया को भी सूचना दी गई। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने इसके बाद 9 नवंबर को 5 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ खैर थाने में मामला दर्ज कराया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन के अनुसार, न्यायाधीश ने घटना वाली रात सूचना दी थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त न्यायाधीश ने कुछ लोगों द्वारा उनकी कार रोके जाने का प्रयास करने का सिर्फ अंदेशा जताया था और कोई तहरीर नहीं दी थी।
उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने अब तहरीर दी है और हमले का अंदेशा जताया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बोलेरो जीप का नंबर अधूरा है जिसकी वजह से इसका पता नहीं चल पा रहा। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
समाजवादी पार्टी के नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर की हत्या के मामले में न्यायाधीश अनिल कुमार ने सुंदर भाटी को 2021 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद वह गत 23 अक्टूबर को सोनभद्र जेल से रिहा हुआ था। इसके कुछ दिन बाद 29 अक्टूबर को न्यायाधीश की गाड़ी का पीछा किए जाने की घटना सामने आई।
पुलिस जांच में पता चला कि न्यायाधीश की गाड़ी का पीछा करने वाली बोलेरो का नंबर अलीगढ़ का है। सफेद रंग की इस गाड़ी का पूरा नंबर नहीं मिल पाने की वजह से गाड़ी का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस राजमार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिये छानबीन कर रही है।