लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने भारत-नेपाल सीमा पर जाली अनुमति पत्र (परमिट) के जरिये अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय बस संचालित करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया।
एसटीएफ ने बताया कि भारत- नेपाल सीमा पर जाली विशेष परमिट के जरिये अंतरराष्ट्रीय बस संचालित करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को 12 और 13 अक्टूबर की दरमियानी रात दिल्ली व लखनऊ में गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी रामप्रसाद को दिल्ली के सागरपुर इलाके से जबकि बाले थापा उर्फ बालकिशन को लखनऊ के किसान पथ से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि राम प्रसाद दिल्ली का जबकि बाले थापा नगालैंड के कोहिमा का रहने वाला है।
पुलिस के मुताबिक, अलीगढ़ के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने भारत-नेपाल सीमा पर जाली विशेष अनुमति पत्रों के जरिये अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय बस सेवा संचालित किए जाने के आरोप में बन्ना देवी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पता चला कि इस बस का संचालन दिल्ली निवासी राम प्रसाद द्वारा किया जा रहा है, जिसके बाद एसटीएफ ने उसे दिल्ली में ही गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, राम प्रसाद से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने भारत-नेपाल की सोनौली सीमा की ओर जा रही एक बस को लखनऊ के किसान पथ के पास से कब्जे में लेकर उसके चालक बाले थापा को हिरासत में ले लिया।
‘टूर एवं ट्रेवेल एजेन्सी’ के मालिक राम प्रसाद ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उसने फरवरी 2024 में एक बस अपनी पत्नी उषा के नाम पर खरीदी थी, जिसे बाले थापा उर्फ बालकिशन चलाता है।
पुलिस के मुताबिक, फर्जी परमिट के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने बताया कि दिल्ली-नेपाल के बीच काफी संख्या में यात्रियों की बुकिंग मिलती है लेकिन दूतावास या वाणिज्य दूतावास से परमिट जारी करने की प्रक्रिया में काफी औपचारिकताएं एवं कठोर नियम होने तथा परमिट जारी होने में अधिक समय लगता है।
प्रसाद ने पुलिस को बताया कि इसलिये वे लोग संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा जारी परमिट में हेराफेरी कर उसमें नेपाल में बस संचालक की अनुमति को भी जोड़ लेते हैं।
पुलिस के मुताबिक, प्रसाद ने पूछताछ में यह भी बताया कि इस पूरे फर्जीवाडे में उसका बेटा मिलन शर्मा उर्फ सरोज और बस चालक बाले थापा भी शामिल है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जायेगा।