लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दलित महापुरुषों के स्मारकों के रखरखाव के लिए भाजपा सरकार की तारीफ किए जाने को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती पर बृहस्पतिवार को कटाक्ष किया।
अखिलेश ने कहा कि जो लोग “अपने उत्पीड़कों के प्रति कृतज्ञ” हैं, उनकी उनके साथ “कोई न कोई अंदरूनी सांठगांठ” जरूर होगी।
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “क्योंकि ‘उनकी’ अंदरूनी सांठगांठ है जारी, इसीलिए वह हैं जुल्म करने वालों के आभारी।
मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित एक रैली में आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी की जीत की संभावनाएं खत्म करने के लिए कांग्रेस, सपा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आतंरिक रूप से हाथ मिलाकर विभिन्न चुनावों में वोट ‘ट्रांसफर’ करवाए।
मायावती ने अपने शासनकाल में बनवाए गए स्मारकों के रखरखाव के लिए उत्तर प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार के प्रति आभार भी व्यक्त किया। इस दौरान, उन्होंने सपा को ‘दोगले’ लोगों की पार्टी बताया।
मायावती ने आरोप लगाया कि सपा जब सत्ता में होती है, तो वह कांशीराम और बहुजन समाज के अन्य महापुरुषों को भूल जाती है, लेकिन जब वह सत्ता से बाहर हो जाती है, तो उसे यही महापुरुष याद आने लगते हैं।
उन्होंने अपने शासनकाल में बनवाए गए स्मारकों का रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार का आभार जताया।
मायावती ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि आगंतुकों से टिकट शुल्क के रूप में वसूली गई राशि का इस्तेमाल रखरखाव के लिए किया जाए। भाजपा सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि यह राशि केवल रखरखाव के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इसके लिए हमारी पार्टी उनकी आभारी है।
अखिलेश ने मायावती पर तंज कसते हुए कहा, “चूंकि, उनके (भाजपा-बसपा) बीच आंतरिक सांठगांठ जारी है, इसलिए वे अपने उत्पीड़कों के प्रति कृतज्ञ हैं।” उन्होंने कहा, “अगर वह लोगों पर अत्याचार करने वालों के प्रति कृतज्ञ हैं, तो मैं इसके बारे में क्या कह सकता हूं? जो सरकार अत्याचार करती है, अब वह उसी की कृतज्ञ हैं। यह मिलीभगत नहीं है, तो और क्या है?
सपा प्रमुख ने दलित महापुरुषों की अनदेखी करने के मायावती के आरोपों को खारिज किया।
अखिलेश ने कहा कि भीमराव आंबेडकर, कांशीराम, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं ने सामाजिक न्याय का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि सपा पीडीए (पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों) पर आधारित सरकार बनाकर इस रास्ते पर आगे बढ़ना चाहती है।
अखिलेश ने कहा, “हम सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने और पीड़ितों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पीडीए आधारित सरकार बनाने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा, “सपा, नेताजी (मुलायम) और हमारे साथियों के सहयोग से ही कांशीराम इटावा से सांसद बने थे। उस समय जब सांप्रदायिक राजनीति चरम पर थी, तब सपा और बसपा ही थीं, जो एकजुट होकर इसका मुकाबला कर रही थीं।
अखिलेश ने कहा कि मायावती के अलावा उन्होंने ही कांशीराम की प्रतिमा स्थापित करवाई थी।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के दौरान जब बसपा नेताओं ने स्मारक के रखरखाव पर सवाल उठाए थे, तो मैंने लखनऊ विकास प्राधिकरण को इसका रखरखाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा के शासनकाल में लखनऊ में आंबेडकर और कांशीराम की याद में बनाए गए स्मारकों की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा, “खराब रखरखाव के कारण पत्थरों का रंग काला पड़ गया है। ऐसा भी हो सकता है कि भाजपा लखनऊ में इन स्मारकों की कीमती जमीन बेचने की कोशिश करे।
अखिलेश ने कहा, “भाजपा हमें गुलाम नहीं, बल्कि अपने लिए काम करने वाला मजदूर बनाना चाहती है। पीडीए में आधी आबादी (महिलाएं) भी शामिल हैं। हमारा दर्द और संघर्ष एक जैसा है।”
उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर पुलिसकर्मियों की तैनाती में हेराफेरी करने और पिछड़े तथा दलित अधिकारियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।
रायबरेली में हाल ही में एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने से जुड़े मामले का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा, “पिछड़े समुदाय के खिलाफ अन्याय बढ़ रहा है। रायबरेली की घटना अकेली नहीं है। ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं और पुलिसकर्मियों की तैनाती में भेदभाव स्पष्ट है।
सपा प्रमुख ने भाजपा के “राजनीतिक चरित्र” पर भी सवाल उठाया और लखनऊ के गोमती नगर इलाके में स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का उदाहरण दिया, जो पिछले आठ वर्षों से बंद पड़ा है।
उन्होंने आरोप लगाया, “पटना हवाई अड्डे का नाम जयप्रकाश नारायण के नाम पर रखा गया है, लेकिन उन्हें समर्पित सबसे बड़े संग्रहालय-जो हमारी सरकार के दौरान लखनऊ में बनाया गया था-को भाजपा ने बंद कर दिया है और अब वह उसे बेचने की तैयारी में है।
अखिलेश ने याद दिलाया कि लोहिया पार्क के पास स्थित कन्वेंशन सेंटर का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने वरिष्ठ समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडीस की मौजूदगी में किया था।
उन्होंने कहा, “किसी भी अन्य नेता के लिए इस संग्रहालय जितना अच्छा संग्रहालय नहीं बनाया गया है। इसमें ओम पुरी और अमिताभ बच्चन की आवाज में उनके जीवन की कथाएं भी शामिल की गई हैं।