मुंबई, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रुपये का अमेरिकी डॉलर के साथ अन्य मुद्राओं में भी व्यापार एवं निपटान सुविधाजनक बनाने के लिए क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल) से बुनियादी ढांचा तैयार करने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के व्यापक उद्देश्य को देखते हुए सीसीआईएल अमेरिकी डॉलर-रुपये को छोड़कर अन्य मुद्राओं में भी व्यापार और निपटान सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा स्थापित करने की संभावना तलाश सकता है।’’
पिछले कुछ वर्षों से रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण एक ठोस नीतिगत एजेंडा रहा है और भारत ने स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार निपटाने के लिए कुछ देशों के साथ समझौते किए हैं।
मल्होत्रा ने सीसीआईएल से ‘फॉरेक्स रिटेल’ और ‘आरबीआई रिटेल डायरेक्ट’ पर अपने उत्पादों और सेवाओं की पेशकशों का निरंतर अन्वेषण और संवर्धन करने का आग्रह किया। इससे ग्राहकों को एक सहज अनुभव एवं मजबूत प्रणाली क्षमताएं सुनिश्चित होंगी।
उन्होंने कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों के व्यापार मंच पर तीन लाख खुदरा निवेशक सूचीबद्ध हैं।
मल्होत्रा ने 2001 में गठित इस निकाय से नवोन्मेष को अपनाने और दक्षता, मापनीयता, प्रदर्शन, सुरक्षा बढ़ाने और लागत कम करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि स्थिरता, वृद्धि और भरोसा आरबीआई के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।