अयोध्या, मौत के बाद भी नवजात को वेंटिलेटर पर रखने के आरोपी अस्पताल अयोध्या चिल्ड्रन अस्पताल पर सीएमओ द्वारा जिला क्षयरोग अधिकारी डा. संदीप शुक्ला के नेतृत्व में गठित कमेटी ने आईसीयू को सीज कर दिया।
वहीं दूसरी तरह अस्पताल के डा. अंशु शुक्ला का कहना है, अभी जाँच चल रही है, अभी तक दोष सिद्ध नहीं हुआ है। ऐसे मे विभाग ने एकतरफा कार्रवाई की है।
बता दे, एक डॉक्टर पर बच्चे की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगा है। कोतवाली नगर के देवकाली क्षेत्र के अयोध्या चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बच्चे की मौत के बाद परिवार वालों ने हंगामा किया और पुलिस को बुलाया।
मृतक बच्चे के माता-पिता ने बताया कि वे सुल्तानपुर के कूरेभार के रहने वाले हैं। 9 मई को गुरु कृपा हॉस्पिटल में नवजात बच्चे का प्रीमेच्योर जन्म हुआ था।
डॉ. रूपा पांडे ने बच्चे को अयोध्या चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उसे वार्मर मशीन में रखा गया था। बच्चे के पिता गौरव मिश्रा का आरोप है कि 18-18 हजार रुपए के इंजेक्शन लगाए जा रहे थे। अचानक डॉक्टर का फोन आया कि बच्चे की हालत खराब हो गई है। जब वे बच्चे को दूसरे डॉक्टर केएन कौशल के पास ले गए, तो उन्होंने बच्चे को मृत घोषित कर दिया और बताया कि बच्चे की लगभग एक से डेढ़ घंटे पहले ही मौत हो चुकी थी।
बच्चे की मां आराधना मिश्रा ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे बच्चे की इलाज में लापरवाही की गई। जब मेरा बच्चा भर्ती कराया गया था, तब वह ठीक था और उसके इलाज पर लाखों रुपए खर्च किए गए, जितना पैसा डॉक्टर ने मांगा, उतना दिया गया।
जब बच्चे की मौत हो गई तब कहा कि उसकी हालत नाजुक है और कहीं और ले जाइए। बाद में डॉक्टर कौशल ने बच्चे की मृत्यु की घोषणा करते हुए कहा कि बच्चा डेढ़ घंटे पहले ही मर चुका था। बच्चे के पिता ने कहा कि मैंने पुलिस को बुलाया था, बच्चे का पोस्टमार्टम हो रहा है. मैं चाहता हूं कि जो मेरे साथ हुआ, वह किसी और के साथ न हो।