इजराइल ने शनिवार सुबह ईरान पर हवाई हमले किए और कहा कि उसने ईरान द्वारा इस महीने की शुरुआत में इजराइल पर दागे गए बैलिस्टिक मिसाइलों के जवाब में उसके सैन्य स्थलों को निशाना बनाया।
इजराइली सेना ने कहा कि उसके विमानों ने उन केंद्रों को निशाना बनाया, जिनका इस्तेमाल ईरान इजराइल पर दागी गई मिसाइल बनाने के लिए करता था। उसने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों पर भी निशाना साधा। इस बात का तत्काल कोई संकेत नहीं मिला कि तेल या मिसाइल स्थलों को भी निशाना बनाया गया था।
विस्फोटों की आवाज ईरान की राजधानी तेहरान में भी सुनी गईं, लेकिन इस्लामी गणराज्य ने जोर देकर कहा कि इन हमलों से केवल “सीमित क्षति” हुई है।
इन हमलों ने दोनों कट्टर शत्रुओं के बीच ऐसे समय में पूर्ण युद्ध का खतरा बढ़ा दिया है, जब पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित चरमपंथी समूह- गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्ला- पहले से ही इजराइल के साथ युद्धरत हैं।
यह पहली बार है, जब इजराइल की सेना ने ईरान पर खुलेआम हमला किया। इसके अलावा, 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद से किसी शत्रु देश ने ईरान पर इस प्रकार पहली बार लगातार हमले किए हैं।
इजराइली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘ईरान ने इजराइल पर दो बार हमला किया, जिनमें उन स्थानों पर किया हमला भी शामिल है, जिनसे आम नागरिकों को खतरा था और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम गाजा पट्टी और लेबनान में अपने युद्ध उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह ईरान ही है, जो क्षेत्र में व्यापक स्तर पर तनाव बढ़ा रहा है।
इजराइल द्वारा जारी की गई तस्वीरों और वीडियो में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलेंट तेल अवीव के किर्या सैन्य अड्डे में एक सैन्य कमान और नियंत्रण केंद्र के एक सम्मेलन कक्ष में सैन्य सलाहकारों और अन्य लोगों के साथ बैठक करते हुए दिखाई दिए।
इजराइल के घंटों चले हमले तेहरान में सूर्योदय से कुछ देर पहले ही समाप्त हुए। इजराइल ने कहा कि उसने ईरान में मिसाइल निर्माण संयंत्रों और अन्य स्थलों को निशाना बनाकर हमले किए। उसने कहा कि ईरान में हमले करने के बाद उसके विमान ‘‘सुरक्षित स्वदेश लौट आए हैं।
इजराइली सेना ने कहा कि उसके विमानों ने ‘‘उन मिसाइल निर्माण संयंत्रों पर हमला किया, जिनका इस्तेमाल उन मिसाइलों को बनाने के लिए किया जाता था, जिन्हें ईरान ने इजराइल पर दागा था। सेना ने कहा, ‘‘इन मिसाइल ने इजराइल के नागरिकों के लिए सीधा और तत्काल खतरा पैदा किया।
उसने कहा कि उसने ‘‘सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और उन अतिरिक्त ईरानी हवाई क्षमताओं पर भी हमला किया, जिनका उद्देश्य ईरान में इजराइल की हवाई संचालन स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करना था। इजराइल ने इन हमलों से हुए नुकसान का कोई शुरुआती आकलन मुहैया नहीं कराया।
शुरुआत में माना जा रहा था कि ईरान के एक अक्टूबर के हमले के जवाब में इजराइल उसके परमाणु केंद्रों और तेल प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है, लेकिन अक्टूबर के मध्य में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने बताया कि उसे इजराइल ने आश्वासन दिया है कि वह ऐसे केंद्रों पर हमला नहीं करेगा।
हगारी ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में शनिवार को कहा, ‘‘ईरान का शासन और क्षेत्र में उसके समर्थक सात अक्टूबर से इजराइल पर लगातार हमले कर रहे हैं… जिनमें ईरानी धरती से किए गए सीधे हमले भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के हर अन्य संप्रभु देश की तरह इजराइल को भी जवाब देने का अधिकार है और यह उसका कर्तव्य है।
इस बीच, अमेरिका ने कहा कि ईरान पर इजराइल के हमलों से हिसाब बराबर हो चुका है और अब दोनों शत्रु देशों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य हमले बंद होने चाहिए। अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने इजराइल पर जवाबी हमले किए, तो उसे इसके ‘‘अंजाम’’ भुगतने पड़ेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके प्रशासन को लगता है कि इजराइली (सैन्य) अभियान के उपरांत अब दोनों देशों के बीच सीधे सैन्य हमले ‘‘बंद होने’’ चाहिए और अन्य सहयोगी देश भी इससे सहमत हैं।
‘व्हाइट हाउस’ के नियमों के अनुसार नाम न उजागर करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि इजराइली अभियान ‘‘व्यापक, सटीक और लक्षित’’ था। उन्होंने कहा कि अमेरिका की इस हमले में कोई संलिप्तता नहीं है।
ईरान की सेना ने कहा कि इजराइल ने उसके इलाम, खुजस्तान और तेहरान प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए, जिनमें ‘‘सीमित क्षति’’ हुई। ईरान के सशस्त्र बलों का यह बयान सरकारी टेलीविजन चैनल पर पढ़ा गया, लेकिन इस दौरान हमलों में हुए नुकसान से जुड़ी कोई तस्वीर नहीं दिखाई गई।
ईरान की सेना ने दावा किया कि उसकी हवाई सुरक्षा प्रणाली ने हमलों से होने वाले नुकसान को सीमित कर दिया, हालांकि उसने इस संबंध में कोई अतिरिक्त सबूत नहीं दिया। ईरान की सरकारी मीडिया ने तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनाई देने की बात स्वीकार की और कहा कि कुछ आवाजें शहर के चारों ओर स्थित वायु रक्षा प्रणालियों से आई थीं।
ईरानी सरकारी टेलीविजन चैनल ने कई घंटों तक इसके अलावा कोई अन्य विवरण नहीं दिया, बल्कि उसने यह जानकारी देने के तुरंत बाद हमले को कमतर करके दिखाने के प्रयास में तेहरान की सब्जी मंडी में ट्रकों में सामान लादने वाले लोगों के फुटेज का सीधा प्रसारण किया।
तेहरान के एक निवासी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि हमलों की पहली लहर में कम से कम सात विस्फोटों की आवाज सुनी गई, जिससे आसपास का इलाके के लोगों में दहशत फैल गई।
ईरान ने शनिवार की सुबह देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने उड़ानों पर नजर रखने वाले डेटा का विश्लेषण किया, जिससे पता चलता है कि अधिकतर वाणिज्यिक विमान ईरान, इराक, सीरिया और लेबनान के हवाई क्षेत्र से बाहर चले गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने बताया कि बाइडन को हमलों की जानकारी दी गई है और उन्हें ताजा जानकारी दी जाती रहेगी।
इस बीच सीरिया में, सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना’ ने एक सैन्य अधिकारी का हवाला देते हुए बताया कि देश के मध्य और दक्षिणी क्षेत्र में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल दागी गईं। उसने कहा कि सीरिया के हवाई सुरक्षा बलों ने कुछ मिसाइलों को मार गिराया है। इन हमलों में हताहत हुए लोगों के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी गई।
हगारी ने बाद में एक वीडियो में कहा, ‘‘इजराइली रक्षा बलों ने अपना मिशन पूरा कर लिया है। अगर ईरान में शासन ने तनाव और बढ़ाने के नये दौर की शुरुआत करने की गलती की, तो हमें जवाब देने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
सीरिया में ईरानी राजनयिक चौकी पर इजराइल के हवाई हमले में दो ईरानी जनरल की मौत के बाद ईरान ने इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए थे। इस हमले में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था और इजराइल ने संयम बरतने को लेकर पश्चिमी देशों के दबाव के कारण जवाब में सीमित हमले किए, लेकिन अक्टूबर की शुरुआत में ईरान के मिसाइल हमले के बाद उसने करारा जवाब देने का संकल्प लिया था।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान ने ‘‘बड़ी भूल की है। ईरान ने एक अक्टूबर की शाम को इजराइल में कम से कम 180 मिसाइल दागी थीं। ईरान ने कहा था कि यह हमला हाल के महीनों में किए गए उन हमलों का बदला था, जिनमें ईरानी सेना, हिजबुल्ला और हमास के नेता मारे गए थे।