वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही खबर यह भी है कि शीतकालीन सत्र के दौरान इसको लेकर सरकार एक विधेयक पेश करेगी।
आपको बता दें कि सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी जिसमें गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल थे। अब रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ऐसे में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि 2029 तक सरकार और देश वन नेशन वन इलेक्शन कर बढ़ सकता है।
एक साथ निर्वाचन: उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें
1. 1951 से 1967 के बीच एक साथ निर्वाचन संपन्न हुए हैं।
2. विधि आयोग: 170वीं रिपोर्ट (1999): पांच वर्षों में एक लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक निर्वाचन।
3. संसदीय समिति की 79वीं रिपोर्ट (2015): दो चरणों में एक साथ निर्वाचन कराने के तरीके सुझाए गए।
4. श्री रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों सहित व्यापक तौर पर हितधारकों से विस्तृत परामर्श किया।
5. रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध है: https://onoe.gov.in
6. व्यापक फीडबैक से पता चला है कि देश में एक साथ निर्वाचन कराने को लेकर व्यापक समर्थन है।
सिफारिशें और आगे का रास्ता
1. दो चरणों में लागू करना।
2. पहले चरण में: लोकसभा और विधानसभा का निर्वाचन एक साथ कराना।
3. दूसरे चरण में: आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय के लिए निर्वाचन (पंचायत और नगर पालिका) कराना।
4. सभी निर्वाचनों के लिए एकसमान मतदाता सूची।
5. पूरे देश में विस्तृत चर्चा शुरू करना।
6. एक कार्यान्वयन समूह का गठन करना।