नयी दिल्ली, बिजली मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को मसौदा बिजली संशोधन विधेयक 2025 पेश किया जिसका उद्देश्य राज्यों के नियामकों को दरों में स्वतः संशोधन का अधिकार देना, विभिन्न डिसकॉम को वितरण नेटवर्क साझा करने की मंजूरी देना और विनिर्माण, रेलवे एवं मेट्रो को क्रॉस-सब्सिडी से मुक्त करना है।
मंत्रालय ने इस मसौदा विधेयक पर 30 दिनों में सुझाव आमंत्रित किए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि बिजली अधिनियम, 2003 के तहत किए गए बड़े सुधारों के बावजूद वितरण क्षेत्र गंभीर वित्तीय दबावों का सामना कर रहा है, जिसमें कुल नुकसान 6.9 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
मंत्रालय ने कहा कि नियामकीय विलंब और उच्च औद्योगिक शुल्क ने उद्योग की प्रतिस्पर्धा और आर्थिक वृद्धि को प्रभावित किया है।
इस विधेयक में प्रस्ताव रखा गया है कि राज्यों के बिजली नियामक एक अप्रैल से लागू होने वाले संशोधित शुल्क को खुद ही तय कर सकेंगे, जिससे बिजली दर निर्धारण में समयबद्धता और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित होगा।
यह विधेयक वितरण लाइसेंसधारकों को अपने या साझा नेटवर्क के माध्यम से बिजली आपूर्ति करने की अनुमति देता है, जिससे नेटवर्क के दोहराव और अतिरिक्त लागत कम होगी।
विनिर्माण उद्यम, रेलवे और मेट्रो को पांच वर्षों में क्रॉस-सब्सिडी यानी एक की कीमत पर दूसरे को सब्सिडी से मुक्त करने का भी प्रस्ताव किया गया है, जिससे परिवहन एवं लॉजिस्टिक लागत घटेगी और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
यह विधेयक उद्योगों को अपने इस्तेमाल के लिए बिजली उत्पादन से संबंधित पारदर्शी नियमों के तहत निवेश करने और स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को अपनाने का अवसर भी प्रदान करता है।
इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों को गैर-जीवाश्म ऊर्जा उपभोग की अनिवार्यताएं लागू करने, देशव्यापी मानक सेवा स्तर तय करने और अपील प्रक्रिया में समयसीमा निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है।
अपीलीय न्यायाधिकरण में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर तेजी से निर्णय लेने और बिजली क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने का प्रावधान भी इस विधेयक में किया गया है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को नेटवर्क की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और उच्च स्तरीय बिजली परिषद स्थापित करने का अधिकार भी दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि इन संशोधनों से सस्ती, भरोसेमंद और स्वच्छ बिजली सुनिश्चित होगी, औद्योगिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और भारत की ऊर्जा बदलाव प्रक्रिया को तेज किया जा सकेगा।