भारतीय सेना के चार साल के खोजी कुत्ते ‘फैंटम’ की जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एक अभियान के दौरान मौत हो गई। उसने आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सोमवार को आतंकवादी हमले से जवानों की रक्षा करने की कोशिश में उसे गोली लगी थी।
बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के खोजी कुत्ते को अगस्त 2022 में इस क्षेत्र में तैनात किया गया था और यह कई अहम मिशन का अहम हिस्सा रहा। मई 2020 में जन्मे इस श्वान योद्धा को भारतीय सेना के ‘रिमाउंट वेटरनरी कोर’ (आरवीसी) केंद्र से भेजा गया था।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने मंगलवार सुबह जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर के एक गांव के पास वन क्षेत्र में छुपे दो आतंकवादियों को मार गिराया जिसके बाद नियंत्रण रेखा के पास 27 घंटे तक चली मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की संख्या बढ़कर तीन हो गई।
सोमवार सुबह नियंत्रण रेखा के पास सेना के काफिले में शामिल एक एम्बुलेंस पर गोलीबारी करने वाले तीन आतंकवादियों में से एक को शाम तक अभियान में मार गिराया गया। इस अभियान में विशेष बलों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कमांडो के साथ ही बीएमपी-द्वितीय वाहनों का भी इस्तेमाल किया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सैनिकों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों से मुकाबला किया और उन्हें घने जंगल में भागने पर मजबूर कर दिया। घेराबंदी को मजबूत करने के लिए विशेष बलों और एक मशीनीकृत टुकड़ी सहित अन्य सैनिकों को बुलाया गया।
उन्होंने कहा, “‘फैंटम’ नामक एक अति प्रशिक्षित खोजी कुत्ते ने चुनौतीपूर्ण वन क्षेत्र में आतंकवादियों के निशानों को ट्रैक करने में अहम भूमिका निभाई। जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ा, ‘फैंटम’ ने छुपे हुए विस्फोटकों का पता लगाया और बच निकलने के संभावित रास्तों की पहचान की, जिससे सैनिकों को घेराबंदी को और मजबूत करने में मदद मिली।
सेना ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों के हमले से सैनिकों की रक्षा करने के प्रयास में ‘फैंटम’ को गोली लग गई।
अधिकारी ने कहा, “आतंकवादियों पर लगाम लगाने में उसकी कार्रवाई महत्वपूर्ण थी, जो सेना के श्वान योद्धाओं की बहादुरी, वफादारी और महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करती है। ‘फैंटम’ का बलिदान राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति की दिशा में कीमत चुकाने की याद दिलाता है।”
उनके अनुसार, आतंकवादियों का उद्देश्य दिवाली के दौरान शांति को बाधित करना है, जो पाकिस्तान प्रायोजित ‘तंजीमों’ द्वारा पीर पंजाल पर्वतमाला के अंदरुनी इलाकों और ऊंचे इलाकों में सेना के प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने ‘फैंटम’ को श्रद्धांजलि दी तथा सैनिकों की त्वरित एवं समन्वित प्रतिक्रिया की सराहना की।
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने कहा, “फैंटम की बहादुरी ने लोगों की जान बचाई और अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके बलिदान को सम्मान के साथ याद किया जाएगा। सेना ने कहा कि ‘फैंटम’ की कहानी भारतीय सेना और उसकी के9 इकाई की अटूट भावना का एक प्रभावशाली प्रतीक है।