अयोध्या, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित रामलला की उम्र 5 वर्षीय बालक की है इसलिए उनको कितना सजाया जाए इस पर लंबा मंथन चल और अब यह तय हुआ है कि 17 अप्रैल रामनवमी के दिन को छोड़कर किसी अन्य दिन दर्शन की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी। 17 अप्रैल को दर्शन प्रातः 3:30 बजे से शुरू होगा और रात्रि में 11:00 तक चलेगा और भीड़ के अनुसार आगे बढ़ाया जा सकेगा। इसी के साथ राम मंदिर ट्रस्ट ने मंत्रियों, मुख्यमंत्री और गणमान्य व्यक्तियों जिनके पास वीआईपी प्रोटोकॉल है वह रामनवमी के मौके पर अयोध्या न आए वही आम दर्शनार्थियों को भी राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा है कि वह अपने घर पर टीवी और मोबाइल से रामनवमी का कार्यक्रम देखें और जो अयोध्या में है वह एलईडी स्क्रीन पर राम जन्म के कार्यक्रम का लुत्फ उठाएं।
कल (बुधवार) रामनवमी का दिन है यानी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मदिन है और 500 साल बाद पहली बार श्री रामलला अपनी जन्मभूमि पर जन्मोत्सव मनाएंगे।
दर्शन अवधि अभी तक सामान्य रूप से प्रातः काल 6:30 के बाद दर्शन प्रारंभ होते हैं अभी यह विचार किया गया है केवल एक दिन के लिए 17 तारीख कल 16 कोई व्यवस्था लागू नहीं होगी 18 को भी लागू नहीं होगी केवल एक दिन के लिए प्रातः काल समाज 3:30 बजे से दर्शन करने की लाइन में लग सकता है।
भगवान की मंगला आरती भगवान का अभिषेक भगवान को स्वीकार करना नहीं वस्त्र पहनना भोग लगाना यह सब कार्य भी चलते रहेंगे दर्शन भी चलते रहेंगे, लेकिन जो एक लोकाचार है वह लोकाचार क्या है कि भगवान का भोग एकांत में होना चाहिए वस्त्र पहनने का काम दो-चार मिनट के लिए एक अकाउंट में ही होना चाहिए तो भोग लगाने के लिए कुछ वस्त्र थोड़ी देर के लिए अंतः वस्त्र पहनने तक के लिए पर्दा रहेगा। भगवान को चार बार भोग लगता है।
अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं से हम हाथ जोड़कर निवेदन करेंगे कि भगवान का भोग चार बार भगवान को वस्त्र बदलना वस्त्र पहनना अथवा वस्त्र उसे समय के परदे पर धैर्य रखें हृदय का मतलब है अधिक से अधिक 5 मिनट में पर्दा खुल जाएगा दर्शन चलते रहेंगे प्रातः काल श्रृंगार आरती के बाद मंगला आरती के बाद भगवान का श्रृंगार पूजा सब चलती रहेगी दर्शन भी चलते रहेंगे इसी प्रकार दोपहर को 12:00 बजे से पहले भगवान का अभिषेक होगा उत्सव मूर्तियों का अभिषेक होता रहेगा।
रामलला के वस्त्र बदलने का काम चलेगा दर्शन भी चलेंगे भोग के समय थोड़ा पर्दा रहेगा। 6:00 बजे भी कुछ आरती होती है संध्या आरती रात की शयन आरती। 17 तारीख को 11:00 बजे तक चलाएंगे देखते रहेंगे दबाव कितना है समाज का पीछे से कितनी भीड़ आ रही है और उसका विचार करते हुए रात्रि की चयन आरती होगी। कम से कम 11:00 तक का प्रवेश सुनिश्चित तो अगर हम 3:30 से प्रारंभ करें 4:00 से प्रारंभ करें तो यह लगभग 19 घंटे दर्शन हो रहे हैं सारे 19 घंटे तक दर्शन होंगे मैं बीच के 3 मिनट 4 मिनट का गैप यह बुरा नहीं मानना चाहिए किसी को भी लोग अपने घरों में भी भगवान की पूजा करते हैं भोग लगाते हैं थोड़ा पर्दा रखते है।
कौशल्या नंदन के लिए एक ऐसा वस्त्र बनाया गया है जिसमें राम लला को देखकर हर कोई मोहित हो जाएगा। डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने खासतौर से राम नवमी के लिए प्रभु श्री राम के लिए वस्त्र तैयार किए हैं। राम लला के वस्त्रों में सोने-चांदी के तार से कढ़ाई की गई है। पीतांबर और पिंक कलर के ये वस्त्र खादी सिल्क के बने हैं। भगवान की, धोती, दो पटुका अंग वस्त्र भगवान के दो रुमाल तैयार कराए गए हैं।