लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे को शनिवार को पुलिसकर्मियों ने बरेली जाने से रोक दिया। खुद पांडे ने यह जानकारी दी।
पांडे ने कहा कि वह जैसे ही वह बरेली जाने के लिए अपने निजी वाहन की ओर बढ़े, लखनऊ स्थित उनके आवास के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें जाने से रोक लिया।
बाद में अपने आवास पर ‘पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में माता प्रसाद पांडे ने कहा, ‘‘सीओ (पुलिस क्षेत्राधिकारी) और एक वरिष्ठ एलआईयू अधिकारी यहां हैं। वे मुझे वहां (बरेली) ना जाने के लिए कह रहे हैं। मुझे पहले पुलिस से एक पत्र मिला था, और मुझे घर में ही रहने के लिए कहा गया था। बाद में मुझे बरेली के जिला मजिस्ट्रेट का एक पत्र दिया गया।
पांडे ने कहा कि वहां मुस्लिम समुदाय एक पत्र देना चाहता था, लेकिन उन्हें पीटा गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस ने अत्यधिक बल का प्रयोग किया।
पांडे ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से वहां जाकर देखना चाहिए कि क्या गलत हुआ और जो गलतियां हुई हैं उन्हें सुधारना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी बताया कि सभी सपा कार्यकर्ताओं के घरों के बाहर पुलिस तैनात है। पांडे ने कहा, ‘‘हम आज बरेली जा रहे थे। हमें घर पर ही रोक दिया गया है। हमें दो पत्र मिले हैं जिनमें कहा गया है कि हमारे जाने से माहौल खराब होगा। सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए हमें रोक रही है।
माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के 14 सांसदों और विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल बरेली जाने वाला था। पिछले हफ्ते शुक्रवार की नमाज के बाद शहर में हिंसा हुई थी।
सपा प्रतिनिधिमंडल के बरेली दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए, उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने शनिवार को कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी बरेली के संवेदनशील माहौल को भड़काना चाहती है।
उन्होंने कहा,‘‘सपा का प्रतिनिधिमंडल भेजना एक दिखावा है। सरकार और प्रशासन ने धैर्य और संयम से प्रदेश में अशांति फैलाने की साजिश को नाकाम कर दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश को कामयाब नहीं होने देगी।