महाकुंभ नगर, महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी के अवसर पर सोमवार को अखाड़ों के भव्य अमृत स्नान के बीच संत-महात्माओं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ त्रिवेणी संगम तट पर उमड़ पड़ी। देशभर के प्रमुख संतों ने इस अवसर पर की गई व्यवस्थाओं के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की।
मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दौरान मची भगदड़ की घटना के बाद यह अमृत स्नान हो रहा है। मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटना में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी तथा 60 लोग घायल हो गए थे।
इस घटना से स्तब्ध उत्तर प्रदेश सरकार ने भीड़ प्रबंधन प्रणाली तथा सुरक्षा, चिकित्सा एवं परिवहन व्यवस्था को बढ़ा दिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को बसंत पंचमी पर ‘‘त्रुटि रहित’’ अमृत स्नान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को सुबह आठ बजे तक 62 लाख से अधिक लोगों ने संगम में डुबकी लगाई।एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अमृत स्नान बिना किसी अप्रिय घटना की सूचना के जारी रहा और आदित्यनाथ, जो स्वयं एक साधु हैं, को संतों से प्रशंसा मिली।
जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा, ‘‘बसंत पंचमी के इस पावन पर्व पर पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। हमारा सामाजिक सद्भाव, आध्यात्मिक मूल्य आज पूरे विश्व के केंद्र में हैं। योग और आयुर्वेद के माध्यम से भारत की अद्भुत स्वीकृति बढ़ रही है। हम वही हैं जो पूरे संसार को अपना परिवार मानते हैं। हम यह भी चाहते हैं कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाए जाएं और प्लास्टिक का उपयोग ना किया जाए।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा, ‘‘बसंत पंचमी के पावन पर्व पर सभी सनातनी आज मां सरस्वती की आराधना करेंगे। सभी अखाड़े पवित्र स्नान कर रहे हैं। कोई भी सरकार इस परंपरा को तभी समझ सकती है जब सरकार में कोई धर्म को समझने वाला हो और धर्म को योगी जी (आदित्यनाथ) से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।
आनंद अखाड़ा के आचार्य स्वामी बालिकानंद गिरी जी महाराज ने कहा, ‘‘अमृत स्नान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत भव्य और दिव्य तैयारी की है। शासन और प्रशासन की ओर से भी पूरा सहयोग किया गया है। पूरी दिव्यता के साथ अमृत स्नान संपन्न हो रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, ‘‘आज बसंत पंचमी के अवसर पर अंतिम ‘अमृत स्नान’ है। इसके बाद हम वाराणसी के लिए प्रस्थान करेंगे। हमें स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया है। मैं सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूं कि जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, संगम घाट पर जाने से बचें।’’
अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘अमृत स्नान बहुत शांतिपूर्वक और उत्कृष्ट तरीके से संपन्न हुआ। इस कुंभ मेले का उद्देश्य विश्व में शांति और एकता स्थापित करना है। सभी को इससे एक सीख लेनी चाहिए। यहां सभी जाति और धर्म के लोग एकत्रित होते हैं। एकता, समृद्धि और भाईचारे की भावना बनी रहे।
निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरी महाराज ने कहा, ‘‘महाकुंभ स्वयं ही अमृत स्नान है। मुगल शासन के दौरान जिसे शाही स्नान कहा जाता था, आज वैदिक संस्कृति में उसे अमृत स्नान के नाम से जाना जाता है। गंगा के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिलती है और हम यहां त्रिवेणी में उपस्थित हैं।
प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, ‘‘आज बसंत पंचमी के अवसर पर ‘अमृत स्नान’ हो रहा है। मुझे नहीं लगता कि इससे पहले कभी कुंभ में इतनी बड़ी संख्या में लोग आए होंगे। बच्चों और बुजुर्गों को पहले स्नान कराया जाना चाहिए। श्रद्धालुओं को सभी का ध्यान रखना चाहिए। मैं युवाओं से भी आग्रह करता हूं कि वे सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
महानिर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा, ‘‘आज का स्नान पूरे विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करने का अवसर है। यहां सभी प्रकार के लोग आए हैं। प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम उत्कृष्ट हैं।