हरियाणा के आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या मामले में एससी/एसटी अधिनियम के ‘‘संबंधित प्रावधान’’ जोड़ने की उनकी पत्नी की अपील के बाद, पुलिस ने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में और आरोपों को शामिल किया है।
पूरण कुमार की पत्नी एवं वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी अमनीत पी कुमार ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा था कि ‘‘प्राथमिकी में एससी/एसटी (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) अधिनियम की कमजोर धाराओं को संशोधित किया जाना चाहिए’’ और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 (2) (पांच) इस मामले में ‘‘लागू होने वाली उपयुक्त धारा’’ है।
‘आत्महत्या’ के मामले की जांच के लिए गठित छह सदस्यीय विशेष दल का नेतृत्व कर रहे चंडीगढ़ के आईजी (महानिरीक्षक) पुष्पेंद्र कुमार ने रविवार को फोन पर संपर्क किए जाने पर पुष्टि की कि प्राथमिकी में अधिनियम की धारा 3 (2) (पांच) लगाई गई है।
पूरण कुमार के परिवार ने अपनी मांगें पूरी होने तक पोस्टमार्टम के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है।
हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेन्द्र बिजारणिया का तबादला कर दिया। बिजारणिया उन पुलिसकर्मियों में से एक हैं जिनके खिलाफ पूरण कुमार की पत्नी ने उनके पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में कार्रवाई की मांग की है।
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, आईपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है और बिजारणिया की नियुक्ति का आदेश अलग से जारी किया जाएगा।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2001 बैच के अधिकारी वाई पूरण कुमार (52) ने मंगलवार को यहां सेक्टर 11 में स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। कुमार ने ‘सुसाइड नोट’ में कुछ अधिकारियों का नाम लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। नोट में बिजारणिया और हरियाणा के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) शत्रुजीत कपूर सहित आठ वरिष्ठ पुलिसकर्मियों पर ‘‘जाति-आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार’’ का आरोप लगाया गया था।
अमनीत ने एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) कंवरदीप कौर को लिखे पत्र में प्राथमिकी में आरोपियों के नाम दर्ज करने की मांग की तथा शत्रुजीत कपूर और बिजारणिया का विशेष तौर पर जिक्र किया।
चंडीगढ़ पुलिस की प्रारंभिक प्राथमिकी मृतक पुलिस अधिकारी के ‘अंतिम नोट’ पर आधारित थी। उसमें एससी/एसटी अधिनियम की धारा (3(5) (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3 (1) (आर) (अत्याचार निवारण) से साथ पढ़ा जाए) के तहत आरोप लगाए गए थे।
अमनीत ने बुधवार को लिखी अपनी शिकायत में कपूर और बिजारणिया की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
एससी/एसटी धारा उस मामले को संदर्भित करती है जब कोई व्यक्ति, जो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है, किसी सार्वजनिक स्थान पर एससी/एसटी के सदस्य को अपमानित करने के इरादे से जानबूझकर अपमानित करता है या धमकाता है।
अधिनियम की नयी जोड़ी गई धारा 3 (2) (पांच) के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) के अंतर्गत 10 वर्ष या उससे अधिक अवधि के कारावास से दंडनीय कोई भी अपराध अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के विरुद्ध करने पर आजीवन कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।
हरियाणा के मंत्रियों कृष्ण लाल पंवार, कृष्ण कुमार बेदी, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने पूरण कुमार के परिवार से शनिवार को मुलाकात की ताकि मृतक के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार के लिए उन्हें राजी किया जा सके।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस अधिकारी की ‘‘आत्महत्या’’ से जुड़े मामले पर पहली बार सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए मृतक के परिजनों को शनिवार को आश्वासन दिया कि उन्हें न्याय मिलेगा।
विवाद गहराने पर हरियाणा के कई अधिकारियों और मंत्रियों तथा विभिन्न राज्यों के नेताओं ने अमनीत से शनिवार को मुलाकात की।