नयी दिल्ली, भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) ने ‘गेम’ खेलकर पैसे कमाने से संबंधित ऐप को प्लेस्टोर पर सूचीबद्ध किए जाने के संदर्भ में कथित तौर पर अनुचित व्यापार तरीके अपनाने के मामले में बृहस्पतिवार को गूगल और उसके सहयोगियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए।
आयोग ने अपना आदेश पारित करते हुए कहा कि महानिदेशक को अधिनियम की धारा 26(1) के प्रावधानों के तहत मामले की जांच करने का निर्देश दिया जाता है। आयोग ने महानिदेशक को 60 दिनों के भीतर जांच पूरी करने और एक समेकित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
इसके साथ ही सीसीआई ने स्पष्ट किया है कि आदेश में उसकी टिप्पणियां प्रथम दृष्टया हैं और ये उसका अंतिम निर्णय नहीं हैं।
सीसीआई का यह आदेश विंजो गेम्स की शिकायत पर आया है। गेमिंग ऐप ने गूगल पर अपने प्रभावी स्थान का दुरुपयोग करने और चुनिंदा गेमिंग श्रेणियों को अनुचित रूप से अहमियत देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे गेमिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा बाधित हो रही है।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि डीएफएस और रम्मी ऐप को प्लेस्टोर पर चुनिंदा रूप से जगह देने से उन्हें अनुचित रूप से प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलती है।
आयोग ने कहा, ‘प्लेस्टोर के माध्यम से अंतिम उपयोगकर्ताओं तक सीधी पहुंच मिलने से डीएफएस और रमी ऐप को महत्वपूर्ण बढ़त मिलती है, जो संभावित रूप से अन्य कमाई गेमिंग ऐप को नुकसान पहुंचाती है। सीसीआई ने उपयोगकर्ताओं द्वारा आरएमजी ऐप डाउनलोड करने का प्रयास करने पर प्रदर्शित गूगल की साइडलोडिंग चेतावनियों पर भी चिंता जताई।
विंजो का कहना है कि ये चेतावनियां उसकी छवि को धूमिल करती हैं और संभावित उपयोगकर्ताओं को इसके ऐप तक पहुंचने से हतोत्साहित करती हैं। नियामक ने आदेश में कहा है कि एंड्रॉयड परिवेश में गूगल के दबदबे ने प्रतिस्पर्धा-रोधी निष्कर्षों के लिए उसकी नीतियों के आकलन को अनिवार्य बना दिया है।
गूगल द्वारा विकसित मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड से संचालित सभी फोन में प्लेस्टोर पहले से ही इंस्टॉल होता है। इसके जरिये ही उपयोगकर्ता किसी ऐप को डाउनलोड कर सकता है।
आयोग ने कहा कि डीएफएस और रमी से इतर कमाई वाले गेमिंग ऐप को प्लेस्टोर से बाहर करना उन्हें बाजार तक पहुंच देने से इनकार करने के बराबर है।