प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ब्रुनेई में भारतीय उच्चायोग के नए ‘चांसरी’ परिसर का उद्घाटन किया और इसे दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का संकेत बताया।
दो देशों की यात्रा के पहले चरण में आज यहां पहुंचे मोदी ब्रुनेई की द्विपक्षीय यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारतीय उच्चायोग के नये ‘चांसरी’ परिसर का उद्घाटन करके प्रसन्न हूं। यह ब्रुनेई दारुस्सलाम के साथ हमारे मजबूत संबंधों का संकेत है। यह भारतीय मूल के लोगों की भी सेवा करेगा।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत-ब्रुनेई संबंधों को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंदर सेरी बेगवान में भारतीय उच्चायोग के चांसरी (उच्चायोग का एक हिस्सा) भवन का उद्घाटन किया और एक स्मारक पट्टिका का अनावरण किया।
विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस अवसर पर मोदी ने दीप प्रज्वलित किया तथा पट्टिका का अनावरण किया।
मंत्रालय ने कहा कि ‘चांसरी’ परिसर भारतीयता की गहन भावना को दर्शाता है, जिसमें पारंपरिक रूपांकनों तथा हरे-भरे वृक्षों को कुशलतापूर्वक एकीकृत किया गया है। उसने कहा कि सुरुचिपूर्ण आवरण और टिकाऊ कोटा पत्थरों का उपयोग, इसके सौंदर्य आकर्षण को और बढ़ाता है, जो पारम्परिक और समकालीन तत्वों का सामंजस्यपूर्ण सम्मिश्रण है।
विज्ञप्ति के अनुसार, यह डिजाइन न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है, बल्कि एक शांत और आकर्षक वातावरण भी प्रदान करता है।
मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत भी की। उन्होंने दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु के रूप में उनकी भूमिका तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान की सराहना की।
बयान के अनुसार, ब्रुनेई में भारतीयों के आगमन का पहला चरण 1920 के दशक में तेल की खोज के साथ शुरू हुआ था। वर्तमान में, लगभग 14,000 भारतीय ब्रुनेई में रह रहे हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ब्रुनेई की स्वास्थ्य देखभाल सेवा तथा शिक्षा क्षेत्रों के विकास में भारतीय चिकित्सकों तथा शिक्षकों के योगदान को अच्छी मान्यता मिली है।