नयी दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान ‘‘अवैध रूप से अर्जित’’ धन का लेनदेन करने के साथ ही दिल्ली में एक अचल संपत्ति की खरीद के लिए उक्त नकदी के इस्तेमाल में संलिप्त थे।
संघीय एजेंसी ने ओखला से विधायक खान (50) को सोमवार को उनके घर की तलाशी लेने के बाद गिरफ्तार किया। उन्हें उसी दिन एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया।
एजेंसी ने उन पर मामले में ‘सहयोग नहीं करने’ और ‘जांच से बचने’ का भी आरोप लगाया तथा दावा किया कि उन्हें भेजे गए 14 सम्मन में से वह केवल एक बार ही जांच अधिकारी के समक्ष पूछताछ और बयान दर्ज कराने के लिए पेश हुए।
आप विधायक के खिलाफ धनशोधन का मामला दो प्राथमिकी से उपजा है जिनमें से एक दिल्ली एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा) द्वारा और दूसरी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2016-2021 तक दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कथित अनियमितताओं की जांच के लिए दर्ज की गई थी।
ईडी और सीबीआई ने उन पर दिल्ली वक्फ बोर्ड (डीडब्ल्यूबी) में ग्रुप सी और डी कर्मचारियों की नियुक्ति में अवैधता में लिप्त होने, सरकार को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने के अलावा डीडब्ल्यूबी की संपत्तियों के किरायेदारी आवंटन में उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपने आधिकारिक पद का कथित ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया है।
खान की पार्टी ने उनका पुरजोर बचाव करते हुए दावा किया है कि भाजपा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उनके अन्य नेताओं की तरह उन्हें भी ‘झूठे’ मामले में फंसाया गया है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि जांच में पाया गया है कि खान के निर्देशों के तहत, उनके कथित सहयोगियों जीशान हैदर और दाउद नासिर ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ‘गलत तरीके से अर्जित’ उनके धन का प्रबंधन किया और इन पैसों का इस्तेमाल कौसर इमाम सिद्दीकी नामक एक व्यक्ति के माध्यम से दिल्ली के ओखला इलाके में 275-276, टीटीआई तिकोना पार्क में जावेद इमाम सिद्दीकी की संपत्ति की खरीद के वास्ते नकद भुगतान करने के लिए किया।
ईडी ने दावा किया, ‘जावेद इमाम सिद्दीकी और उसकी पत्नी के बैंक खातों में भारी मात्रा में नकदी जमा की गई थी और जब्त की गई डायरी में कौसर इमाम सिद्दीकी द्वारा हस्तलिखित नोट तिकोना पार्क में उक्त संपत्ति की खरीद के लिए अमानतुल्ला खान की ओर से किए गए उसी नकदी लेनदेन से संबंधित है।’
इसने कहा कि खान को 14 समन जारी किए गए थे, लेकिन वह केवल एक समन (अप्रैल में) पर पेश हुए, वह भी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर। एजेंसी ने कहा कि उसने समन का पालन न करने के लिए स्थानीय अदालत में दो शिकायतें दायर की हैं।
ईडी ने कहा कि एक जनवरी को जारी समन के लिए, खान ने जवाब दिया कि वह गणतंत्र दिवस के चलते पेश नहीं हो पाएंगे। फिर, अगले तीन समन के लिए, उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की और इसे पेश नहीं होने के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया। उसने कहा कि 16 फरवरी को जारी अगले समन के लिए, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
एजेंसी ने कहा कि इस रिट याचिका के खारिज होने के बाद, वह अगले तीन समन पर पेश नहीं हुए और कहा कि उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की है।
एजेंसी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को ‘खारिज’ कर दिया और खान को जांच में सहयोग करने और 18 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया, जो उन्होंने किया और जांच में सहयोग करने की प्रतिबद्धता जतायी। एजेंसी ने कहा कि हालांकि, उन्होंने ‘सहयोग नहीं किया’ और एक या दूसरे बहाने से जांच से ‘बचना’ शुरू कर दिया।
एजेंसी ने कहा कि जब 19 अप्रैल को समन जारी किया गया, तो खान ने अपनी मां की खराब सेहत का हवाला दिया और 10 दिन का समय मांगा। एजेंसी ने कहा कि खान को वह समय दिया गया और 1 मई को पेश होने के लिए कहा गया। एजेंसी ने कहा कि हालांकि, वह लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने की अपनी प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए उस तारीख को पेश नहीं हुए।
ईडी ने कहा कि अगले दो समन के लिए, उन्होंने अपनी खराब सेहत को पेश नहीं होने का कारण बताया और चार सप्ताह के लिए स्थगन मांगा। एजेंसी ने कहा कि उसने चार सप्ताह बाद उन्हें 8 जुलाई को फिर से तलब किया लेकिन उन्होंने अपनी बीए के पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा का हवाला देते हुए चार सप्ताह के लिए स्थगन मांगा।
ईडी ने बताया कि जब 26 जुलाई को आखिरी समन जारी किया गया था तो उन्होंने स्थगन के लिए अपनी सास की खराब सेहत का हवाला दिया था।
एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष एक आरोपपत्र भी दायर किया था और इसमें जीशान हैदर, दाउद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जावेद इमाम सिद्दीकी को आरोपी बनाया गया था।