केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 158 हो गई है जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जिला प्रशासन ने बुधवार को यह जानकारी दी। जिला प्रशासन ने बताया कि बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
इसने बताया कि जान गंवाने वाले 158 लोगों में 18 बच्चे थे, जिनमें से 86 शवों की शिनाख्त कर ली गयी है तथा 147 का पोस्टमार्टम किया जा चुका है। जिला प्रशासन ने कहा कि 52 अंग भी मिले हैं जिनमें से 42 का पोस्टमार्टम करा लिया गया है।
उसने कहा कि 158 शवों में से 75 शव उनके रिश्तेदारों को सौंप दिये गये हैं। उसने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से 213 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जिनमें 97 का उपचार अब भी जारी है ।
सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं।
भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के दो बजे और चार बजकर 10 मिनट के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिल पाया।
इस बीच, भुवनेश्वर से प्राप्त समाचार के अनुसार ओडिशा सरकार ने कहा है कि राज्य के दो लापता व्यक्तियों में से एक का शव भूस्खलन प्रभावित वायनाड में मिला है। केरल के वायनाड में भूस्खलन आने के बाद ओडिशा के दो चिकित्सक बिष्णुप्रसाद चिनारा और स्वाधीन पांडा लापता हो गये थे।
ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा, ‘‘शव चिनारा का है। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव को ओडिशा लाने की व्यवस्था की जाएगी।’’ पुजारी ने कहा कि चिनारा की पत्नी प्रियदर्शिनी और नर्सिंग अध्यापिका सिकृति महापात्रा इस भूसखलन में घायल हो गयीं। पुजारी ने कहा, ‘‘ मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि पांडा और दो घायल महिलाएं शीघ्र ओडिशा लौट आयें।