थूथुकुडी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को तमिलनाडु के थूथुकुडी के पास कुलसेकरापट्टिनम में भारत के दूसरे अंतरिक्ष केंद्र की आधारशिला रखी जो छोटे उपग्रहों के लिए प्रक्षेपण स्थल के रूप में काम करेगा।
यह अंतरिक्ष केंद्र अगले दो वर्षों में 986 करोड़ रुपये की लागत से 2,233 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसरो ने यहां से बुधवार शाम रोहिणी नामक एक ‘साउंडिंग रॉकेट’ प्रक्षेपित किया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि इस अंतरिक्ष केंद्र से हर साल 24 प्रक्षेपण किए जाएंगे।
सोमनाथ ने कहा, ‘भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है और तमिलनाडु सरकार ने जमीन इसरो को हस्तांतरित कर दी है। इसलिए हमें अब निर्माण शुरू करना है। निर्माण कार्य दो साल तक चलेगा।’
भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एके भट्ट ने कहा, ‘यह केंद्र आने वाले वर्षों में इसरो और बढ़ते निजी अंतरिक्ष उद्योग दोनों की बढ़ती प्रक्षेपण गतविधियों को समायोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’
भट्ट ने कहा कि अतिरिक्त अंतरिक्ष केंद्र में भारत का रणनीतिक निवेश देश की प्रक्षेपण सेवा क्षमताओं को बढ़ाने, अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत करने में मददगार होगा।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा, ‘हमारी अंतरिक्ष यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर, माननीय प्रधानमंत्री ने कुलसेकरापट्टिनम में अंतरिक्ष केंद्र की आधारशिला रखी और इसरो ने इस स्थल से एक ‘साउंडिंग रॉकेट’ प्रक्षेपित किया। यह केंद्र छोटे प्रक्षेपकों के संबंध में निजी क्षेत्र के प्रवेश के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा।’
भूमध्य रेखा के करीब होने के कारण कुलसेकरापट्टिनम स्थित प्रक्षेपण केंद्र उपग्रहों को ध्रुवीय कक्षाओं में स्थापित करने के लिए आदर्श है।
इस बीच, इस प्रक्षेपण केंद्र को तब विवाद का सामना करना पड़ा जब राज्य की द्रमुक सरकार ने बुधवार को आधारशिला समारोह के बारे में अखबारों में विज्ञापन दिया जिसमें चीन के रॉकेटों की तस्वीरें थीं।
भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा, ‘द्रमुक मंत्री थिरु अनीता राधाकृष्णन द्वारा आज प्रमुख तमिल दैनिकों को दिया गया यह विज्ञापन चीन के प्रति द्रमुक की प्रतिबद्धता और हमारे देश की संप्रभुता के प्रति उनकी पूर्ण उपेक्षा का प्रतीक है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने तिरुनेलवेली में एक रैली में कहा कि द्रमुक का विज्ञापन ‘हास्यास्पद’ और भारतीय वैज्ञानिकों का अपमान है।
मोदी ने कहा, ‘द्रमुक का आज का विज्ञापन हास्यास्पद है। उन्होंने भारतीय विज्ञान और भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र का अपमान किया है, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’