
अयोध्या कोरोना महामारी के नाम पर लाखों रुपये का चन्दा लेने वाला शातिर जालसाज धोखाधड़ी का आरोपी अभियुक्त राघवेंद्र शुक्ल पुत्र ओमप्रकाश शुक्ल जानकीघाट अयोध्या कथित उपाध्यक्ष युवा पत्रकार एसोसिएशन मुकदमा दर्ज होते ही अक्ल आ गयी और अपनी सफाई एक मीडिया डॉटकॉम के पोर्टल पर किया और अपना गुनाह कबूल भी किया 22 अप्रेल को लिखा कि चेक से लेकर रुपये लेने का आरोप निराधार है अभी युवा पत्रकार एसोसिएशन का खाता नही खुला है क्यो की पेन कार्ड भी अभी बना है इस लिए चेक वापस कर दिया इसका शपथपत्र दे दिया है चेक कब लिया किसको वापस किया कितने तारीख को वापस किया इसका जिक्र नही किया प्रेस क्लब अयोध्या के पत्रकारों का सवाल है कि जब पता था खाता नही खुला है पेन कार्ड नही बना है तो क्यों कोरोना महामारी के नाम पर चन्दा लेता रहा और मुख्यमंत्री राहत कोष व जिलामजिस्ट्रेट के कोष में क्यो नही जमा किया यही तो धोखाधड़ी है जालसाजी है प्रशासन व साशन और पत्रकारों को क्यो गुमराह कर रहा शोशल मीडिया पर ये साइबर क्राइम है अफवाह फैलाना है ये और गम्भीर अपराध है अब इसकी तह तक केश की जांच होना परम् आवश्यक है चेक को विवेचक अपने कब्जे में ले और इसकी तहकीकात करें जिसने चेक जारी किया था उस चेक का नम्बर क्या है अब तक दान दाता ने इस तरह से कितने चेक जारी किये है उसकी भी भूमिका की जांच हो उसके पास चेक है भी या केवल मीडिया में अपने संगठन को हाईलाइट करने के लिए आरोपी ने कोई चाल चली अब फंस गया तो चेक वापस करने की बात कर रहा है चेक लेने की खबर भी न्यूज1इंडिया में भी चलाई पूरे देश ने देखा फेसबुक और शोशल मीडिया में भी इस खबर की वाहवाही ली गयी पूरे देश से चंदे लेने की बात भी कही गयी कई नेताओं और अधिकारियों का संगठन में होना बताया गया सभी पोस्टों का स्क्रीन शार्ट प्रेस क्लब अयोध्या ने सुरक्षित रखा है जो न्यायालय में चैलेंज करेगा इस संगठन के पर्दे के पीछे कौन है इसका भी खुलासा हो जाएगा एफआईआर में जिस पते का इस्तेमाल किया गया 22 बंधा तिराहा नयाघाट अयोध्या वहां पर युवा पत्रकार एसोसिएशन का बोर्ड क्यो नही लगा गया जब विकास प्राधिकरण अयोध्या में 22 नम्बर की दर्ज दुकान भी युवा पत्रकार एसोसिएशन को एलाट नही है ये क्या ये धोखाधड़ी नही है अब इन सब की जांच होनी चाहिए
अध्यक्ष प्रेस क्लब अयोध्या की कलम से