बर्तमान में प्रदेश के 16 जनपदों (अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रुखाबाद, गोंडा, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर तथा सीतापुर) के 690 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें से 299 गांव मैरुंड हैं
जनपद मुख्यालय पर आपदा प्रबंधन कट्रोल रूम को 24×7 संचालित रखा जाए तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे राहत कार्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाए।
प्रदेश के समस्त बांधों पर निगरानी रखी जाय तथा आवश्यक रिपेयर सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी प्रकार की क्षति को होने के पूर्व ही उसे रोका जा सके
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है।
अब तक 494 पशु शिविर स्थापित किए गए हैं जबकि 7,29,389 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया है। पशुधन हेतु 4,723 क्विन्टल भूसा भी वितरित किया गया है।
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आमजन के भरण-पोषण हेतु सुव्यवस्थित इंतजाम किए गए हैं।
विगत 24 घंटों में वितरित 2,990 खाद्यान्न किट सहित अब तक कुल 1,77,620 खाद्यान्न किट का वितरण किया गया है। इसके अतिरिक्त 3,18,703 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है।
बाढ़ प्रभावित जनता की सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए गए हैं।
वर्तमान में कुल 373 बाढ़ शरणालय स्थापित हैं। 784 बाढ़ चौकियां आमजन के सहायतार्थ स्थापित की गई हैं। जबकि 465 नावें उपयोगार्थ मौजूद हैं।
वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपदों (अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रुखाबाद, गोंडा, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर तथा सीतापुर) के 690 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें से 299 गांव मैरुंड हैं।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) August 30, 2020