अयोध्या, यश के बच्चों को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। विद्यालय में राजस्थान से आए मल्लखंभ प्रशिक्षक आदरणीय डॉ रमेश इंदौलिया जी जो कि ऑल इंडिया फेडरेशन के प्रेसिडेंट हैं । उनकी टीम खेलो इंडिया का विद्यालय प्रांगण में स्वागत बच्चों द्वारा किया गया।
मल्लखम्भ प्राचीन मार्शल आर्ट का एक रूप है जिसका उपयोग पहलवानों द्वारा प्राचीन युग के योद्धाओं को प्रशिक्षित किया जाता था। मल्ल का शाब्दिक अर्थ है कुश्ती और खम्भ का अर्थ है खंभा अर्थात खंभे पर कुश्ती। मल्लखम्भ भारत का एक पारंपरिक खेल है जिसमें खिलाड़ी एक खंभे पर या रस्सी पर तरह तरह के करतब दिखाते हैं इसे केन्द्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है यह एक ऐसा खेल है जो पूरे शरीर का व्यायाम करता है इस खेल के कई रूप हैं लेकिन प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के मल्लखम्भ का प्रदर्शन किया जाता है।
पोल मल्लखम्भ, हैंगिंग मल्लखम्भ, रस्सी मल्लखम्भ। उनकी टीम के अन्य सदस्यों में रिया साहू, गुनगुन श्रीवास्तव, मुस्कान सिंह कुशवाहा, हिमांशु प्रजापति , अनुज यादव , सुजल राणा, अमर कौशल , भरत ,सौरभ सिंह है।
यश के कक्षा द्वितीय के छात्र मोहम्मद आदिल ने भी मल्लखंभ खेल में हिस्सा लिया और अद्भुत प्रदर्शन किया। अयोध्या नगरी में पहली बार मल्लखंभ खेल का प्रदर्शन हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की प्रबंधिका श्रीमती मंजुला झुनझुनवाला जी ने हनुमान जी जिन्हें यह खेल समर्पित है कि पूजा करके और नारियल फोड़कर किया।
उन्होंने ने कहा डॉ रमेश इंदौलिया जी की बातों ने मल्लखंभ खेल की ओर आकर्षित किया। उन्होंने हमें बताया कि मल्लखंभ अभ्यास से शरीर हल्का और मजबूत बनता है यह व्यायाम पेट पीट बाहों के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होते हैं इससे ऊर्जा विकसित होती है तथा शरीर के छोटे बड़े सभी अंग सक्रिय रहते हैं। अनुज, भारत ,सौरभ ,रिया द्वारा एकल पोल मल्लखंभ खेल प्रदर्शित किया गया जो काफी रोमांचकारी था। गुनगुन, अनुज, हिमांशी ने रोप मल्लखंभ किया इनकी फुर्ती ने सभी को अचंभित कर दिया ।
पिरामिड प्रदर्शन से सभी दर्शक स्तब्ध रह गए । अनुज सुजल ने पोल मल्लखंभ मुस्कान गुनगुन ने रोप मल्लखंभ और सिल्क मल्लखंभ रिया और हिमांशी ने किया। रिया साहू जो कि अभी 10th स्टैंडर्ड में है ने काफी फुर्ती के साथ बिना किसी हिचक के मुस्कुराते हुए उन्होंने सारे प्रकार के मल्लखंभ को प्रदर्शित किया है। सौरभ सिंह ने भी अपने प्रदर्शन से सभी को अचंभित कर दिया।
विद्यालय प्रांगण में उपस्थित सभी शिक्षक अभिभावक एवं बच्चे इस खेल के रोमांचकारी प्रदर्शन से स्तब्ध रह गए। विद्यालय प्रांगण में हुआ यह अनोखा प्रदर्शन अविस्मरणीय था। सबसे आखरी में सभी टीम के सदस्यों ने मिलकर एक अद्भुत पिरामिड बनाया और झंडा फहराते हुए वंदे मातरम का नारा लगाते हुए इस कार्यक्रम का समापन किया।
इसके बाद विद्यालय की डायरेक्टर मंजुला झुनझुनवाला जी ने डॉ रमेश और उनकी टीम के कुशल मल्लखंभ खिलाड़ियों की प्रशंसा की और वह भविष्य में नाम रोशन करें ऐसी कामना की।