अयोध्या। आज से राम मंदिर का भूमि पूजन (Ram mandir Bhumi Pujan) शुरू हो चुका है। सुबह 8 बजे से राम अर्चना के साथ हनुमान गढ़ी में पूजा आरंभ हो गई है। बुधवार 5 अगस्त को भूमि पूजन का कार्यक्रम है। पीएम मोदी को रामलला के दर्शन भी करेंगे और ‘पारिजात’ वृक्ष का रोपण भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों में से 135 संत हैं, जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़े हुए हैं और वे सभी उपस्थित रहेंगे। वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल कार्यक्रम में ‘यजमान’ होंगे। साथ ही नेपाल के संतों को भी आमंत्रित किया गया है क्योंकि जनकपुर का बिहार, उत्तर प्रदेश और अयोध्या से भी संबंध है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि निमंत्रण सूची बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के अलावा वरिष्ठ वकील के. परासरन एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ ‘निजी तौर पर चर्चा’ करके तैयार की गई है।
18 अप्रैल से गर्भ गृह पर वास्तुपूजा औरर आहुतियां की जा रही हैं। भगवान विष्णु, राम और हनुमान के नाम से 1000 बार आहुति दी गई है। एक बार राम अर्चना भी हुई है। इसमें 6-7 घंटे लगते हैं। गुप्त नवरात्रि पर दुर्गा पूजा हुई। 700 मंत्रों की पूजा भी हुई।
इस कार्यक्रम में काशी, अयोध्या, दिल्ली, प्रयाग के विद्वानों को बुलाया है। अलग-अलग पूजा के अलग-अलग एक्सपर्ट हैं। पूरी टीम 21 ब्राह्मणों की है जो अलग अलग तरीकों से पूजा कराएगी। यह एक वक्त में नहीं होगी बल्कि अलग अलग कालखंड में अलग-अलग ब्राह्मण पूजा कराएंगे।
हनुमान जी महाराज वर्तमान अयोध्या के अधिष्ठता हैं, इसलिए सबसे पहले हनुमान जी की पूजा की जाती है। निशान पूजा में अखाड़ों के निशान की पूजा होती है। उनकी पूजा का भी उतना ही महत्व होता है जितना हनुमान जी के निशान की पूजा का महत्व है। निर्वाणी अखाड़े के ईष्ट देव हनुमान जी है और उनके यह निशान हैं, इसलिए 4 अगस्त को निशान और हनुमान दोनों की पूजा हो रही है।