शहर से करीब 6 किमी दूर शहर के बाहरी हिस्से में कुम्हारों का गांव जयसिंहपुर है। गांव के कुम्हारों को श्रीराम जन्मभूमि पूजन को भव्य बनाने के लिए प्रशासन की तरफ से 1 लाख दीयों का आर्डर मिला है। लॉकडाउन में बेहाल हुए कुम्हारों के लिए यह आर्डर एक संजीवनी की तरह है।
हालांकि, ऑर्डर विनोद प्रजापति को मिला है, लेकिन 600 लोगों की आबादी वाले सभी घरों को यह आर्डर बांट दिया गया है। कोई 6 हजार तो कोई 8 हजार दीये बना रहा है। कुम्हारों का कहना है कि लॉकडाउन में हालात बहुत खराब हो गए थे, लेकिन भूमिपूजन हमारे लिए बारिश की तरह ही है।
अभी भी गांव के कुछ युवा बाहर कमा खा रहे हैं, लेकिन होली-दीवाली पर आते- जाते रहते हैं। जब वह दीपावली पर आते हैं तो मालिक उनकी पगार काट लेता है। लेकिन, अब उनको इसकी चिंता नहीं रहती है। क्योंकि दीपावली में जितने दिन रुकते हैं, यहीं उन्हें कम मिल जाता है। जिससे उनकी कमाई भी हो जाती है और छुट्टी भी बिता लेते हैं। मार्केट में भी डिमांड बढ़ने से हम लोगों की स्थिति थोड़ी अच्छी हुई है।
सरकार ने 2018 में हमें इलेक्ट्रिक चाक दिया , जोकि मोटर से चलता है। तकरीबन 16 हजार का है। इस पर हमारा काम दोगुनी स्पीड से होता है। साथ ही फावड़ा, तसला, मुंगरी, हथौड़ी जैसे समान भी सभी गांव वालों को मिले हैं। गांव वालों के नाम जमीन का पट्टा भी है। लेकिन, वहां मशीन से खुदाई नहीं कर सकते हैं
घर की महिलाएं भी चाक चलाना जानती हैं। दरअसल, ये एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे परिवार के साथ मिलकर चलाने वाला बिजनेस है।