उपभोक्ता कानून में सोमवार से किए बदलावों से घटिया सामान बेचने वालों, गुमराह करने वाले विज्ञापन देने वालों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है। घटिया सामान बेचने वालों को छह महीने की जेल हो सकती है या एक लाख रुपये जुर्माना देना पड़ेगा।
बड़े नुकसान पर ग्राहक को पांच लाख रुपये मुआवजा देना होगा और सात साल की जेल होगी। उपभोक्ता की मौत हो जाए तो मुआवजा दस लाख व सात साल या आजीवन कारावास भी संभव है। नए कानून के दायरे में ई-कॉमर्स कंपनियां भी आएंगी।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019) के तहत अब ग्राहक किसी भी उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर सकेगा, अभी तक शिकायत वहीं की जा सकती थी, जहां से सामान खरीदा गया हो। नया कानून 1986 के उपभोक्ता कानून का स्थान लेगा।
इतना ही नहीं अब इस कानून से ऑनलाइन कारोबार भी नहीं बचा है और ई-कॉमर्स साइट्स पर बिकने वाले सामन भी इसके दायरे में आ गए हैं।
भ्रामक विज्ञापन करने पर सेलिब्रिटी पर भी 10 लाख तक जुर्माना। सेलिब्रिटी का दायित्व होगा कि वह विज्ञापन में किए गए दावे की पड़ताल कर ले। मिलावटी सामान और खराब प्रोडक्ट पर कंपनियों पर जुर्माना व मुआवजे का प्रावधान है। झूठी शिकायत करता है तो अब 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा।
केंद्र सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का गठन करेगी। यह उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी करने वालों व भ्रमित करने वाले विज्ञापनों पर नजर रखेगा। सीसीपीए की स्वतंत्र जांच एजेंसी भी होगी जिसकी जिम्मेदारी डायरेक्टर-जनरल के हाथ में होगी। वे चाहें तो पूछताछ या जांच कर सकते हैं।
केंद्र सरकार असल में इस कानून को पहले जनवरी में लागू करने वाली थी लेकिन इसे बढ़ाकर मार्च कर दिया गया। मार्च में कोरोना के प्रकोप और लॉकडाउन के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था। अब 20 जुलाई से सरकार ने इसे लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी। खासकर अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी भी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है।