रोशनी एचसीएल कॉर्पोरेशन की सीईओ और एक़्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर हैं जिनका काम संस्थान के लिए रणनीति बनाना है. इसके साथ ही वे सीएसआर कमेटी की चेयरपर्सन भी हैं.
वे शिव नादर फ़ाउंडेशन की ट्रस्टी भी हैं. यह फ़ाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है. इसके अलावा रोशनी आर्थिक रूप से अक्षम और ग्रामीण परिवेश से आने वाले विद्यार्थियों के लिए काम करने वाली संस्था विद्या-ज्ञान की भी चेयरपर्सन हैं. यह संस्था उत्तर प्रदेश में है.
रोशनी को वाइल्ड लाइफ़ से जुड़ाव है और इसी के चलते उन्होंने साल 2018 में द हैबिटेट ट्रस्ट की स्थापना की. यह ट्रस्ट पर्यावरण संरक्षण और भारत की जैव-विविधता को संरक्षण प्रदान करने की दिशा में कार्यरत है.
फोर्ब्स मैगज़ीन पर मौजूद जानकारी के मुताबिक़, रोशनी नादर को साल 2019 में दुनिया की 54वीं सबसे ताक़तवर महिला के रूप में चुना गया था.
इसके अलावा वो 2017, 2018 में भी फ़ोर्ब्स की दुनिया की सबसे ताक़तवर महिलाओं सूची में शामिल थीं.
रोशनी को बॉबसन कॉलेज, लुइस इंस्टीट्यूट कम्यूनिटी चेंजमेकर अवॉर्ड से भी सम्मानित कर चुका है. रोशनी फोरम ऑफ़ यंग ग्लोबल लीडर्स से भी जुड़ी हुई हैं.
साल 2019 में उन्हें भारत की सबसे अमीर महिला चुना गया था. Hurun Rich list ने उन्हें 36,800 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ देश की सबसे अमीर महिला चुना था.
38 वर्षीय रोशनी शिव नादर और किरन नादर की इकलौती संतान हैं. रोशनी नादर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई दिल्ली के वसंत वैली स्कूल से की है.
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से बैचलर करने वाली रोशनी ने केलॉग स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया है.
एचसीएल से जुड़ने से पहले रोशनी न्यूज़ प्रोड्यूसर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं.
रोशनी शादीशुदा हैं. उनके पति शिखर मल्होत्रा एचसीएल कॉर्पोरेशन में एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर हैं. इसके साथ ही वे एचसीएल टेक्नॉलजीज़ के बोर्ड सदस्य भी हैं.
शिखर एक उद्यमी परिवार से आते हैं और कुवैत में पले-बढ़े हैं. बिज़नेस को लेकर उनकी शुरुआती समझ पारिवारिक बिज़नेस से ही आई लेकिन बाद में उन्होंने बैबसॉन कॉलेज से बिज़नेस की पढ़ाई भी की.
रोशनी और शिखर दो बच्चों के अभिभावक हैं.