उत्तर प्रदेश के कानपुर से पूरे घटनाक्रम की शुरुआत हुई. 2-3 जुलाई की रात को विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस की एक टीम पर हमला हुआ.
विकास दुबे और उनके साथियों को पकड़ने गई पुलिस की टीम पर ताबड़तोड़ फ़ायरिंग की गई. इस गोलीबारी में एक डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. यह मुठभेड़ कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गाँव में हुई थी.
मुठभेड़ में कम से कम छह पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे.
विकास दुबे पर 60 मुक़दमे दर्ज हैं और पिछले दिनों कानपुर के राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने उन पर 307 का एक मुक़दमा दर्ज कराया था. उसी सिलसिले में पुलिस विकास दुबे को पकड़ने के लिए उनके गाँव बिकरू गई थी.
इसके बाद से ही विकास और उनके साथी फ़रार थे. यूपी पुलिस ने व्यापाक सर्च ऑपरेशन शुरू किया. विकास दुबे से संपर्क रखने वाले 100 से ज़्यादा लोगों के मोबाइल फ़ोन सर्विलांस पर डाले गए थे.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को अपराधियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने और तत्काल मौक़े की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.
विकास दुबे को पकड़ने के लिए 60 टीमें तैनात की गई थीं.
पुलिस ने दावा किया कि विकास दुबे के दो सहयोगियों प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे की मुठभेड़ में मौत हो गई. ये भी बताया गया कि मुठभेड़ में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल भी हुए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने फ़रार अभियुक्त विकास दुबे की जानकारी देने वाले को 50 हज़ार रुपए का इनाम देने की घोषणा की. सरकार ने यह भी वादा किया कि दुबे के बारे में जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी. बाद में इनाम की राशि को बढ़ाकर पाँच लाख कर दिया गया था.
कानपुर एनकाउंटर के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के ख़िलाफ़ कार्रवाई. ज़िला प्रशासन ने कानपुर के बिकरू गाँव स्थित उनके आवास को गिरा दिया.
इसके साथ ही पुलिस ने इस बात की भी घोषणा की कि गैंग्सटर एक्ट के तहत अवैध संपत्ति और अकाउंट्स को भी ज़ब्त किया जाएगा.
अभियुक्त विकास दुबे के साथ मिलीभगत के आरोप में पुलिसकर्मियों पर जाँच के आदेश दिए गए. इसके बाद चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया.
पुलिस ने विकास दुबे के एक अन्य साथी दया शंकर अग्निहोत्री को गिरफ़्तार किया. मुठभेड़ के दौरान उनके पैर गोली भी लगी थी. पुलिस का कहना था कि यह मुठभेड़ कानपुर के कल्याणपुर इलाक़े में हुई. दया शंकर पर 25 हज़ार रुपए का इनाम था.
एएनआई न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़, दया शंकर अग्निहोत्री ने पुलिस को बताया कि मुठभेड़ वाले दिन दबिश से पहले ही विकास दुबे के पास पुलिस थाने से पास फ़ोन आ गया था.
इसके साथ ही बिजली विभाग के भी दो कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और बिकरू गाँव में हुई मुठभेड़ के दौरान बिजली की सप्लाई चले जाने को लेकर सवाल किए गए.
इसके साथ ही विकास दुबे से जुड़े तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया.
उत्तर प्रदेश के तीन पुलिसकर्मियों को विकास दुबे के साथ मिलीभगत के आरोप में निलंबित कर दिया गया.
डीआईजी (एसटीएफ़) अनंत देव का तबादला मुरादाबाद सेक्टर में पीएसी में कर दिया गया. उत्तर प्रदेश पुलिस ने डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार मिश्रा की एक चिट्ठी के आधार पर इस मामले में उन पर जाँच के आदेश दिए.
इस चिट्ठी में देवेंद्र मिश्रा ने विकास दुबे और स्थानीय पुलिस स्टेशन के बीच संबंध होने का आरोप लगाया था.
डिप्टी एसपी मिश्रा उन आठ पुलिस कर्मियों में से एक थे, जिनकी कानपुर मुठभेड़ में मौत हो गई.
इस मामले में मंगलवार रात कानपुर एसएसपी ने चौबेपुर पुलिस स्टेशन के सभी 68 पुलिसकर्मियों को भी वहाँ से हटाकर रिज़र्व पुलिस लाइन भेज दिया.
हरियाणा के फ़रीदाबाद से विकास दुबे के तीन सहयोगियों को गिरफ़्तार कर लिया गया. यह उत्तर प्रदेश एसटीएफ़ और लोकल क्राइम ब्रांच का एक संयुक्त ऑपरेशन था. विकास दुबे को उस दिन फ़रीदाबाद में कथित तौर पर देखा गया था. एक सीसीटीवी फ़ुटेज के आधार पर यह दावा किया गया.
लेकिन वीडियो के आधार पर पुलिस जब विकास दुबे को पकड़ने गई तो उन्हें नाकामी हाथ लगी.
पुलिस ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में विकास दुबे के क़रीबी अमर दुबे की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने विकास दुबे के एक अन्य सहयोगी श्यामू बाजपेयी को भी हिरासत में ले लिया.
निलंबित चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी को हिरासत में ले लिया गया.
विकास दुबे के दो सहयोगी मारे गए.
पुलिस ने दावा किया कि विकास दुबे के सहयोगी प्रभात पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहे थे और मुठभेड़ में उनकी मौत हो गई. पुलिस ने ये भी कहा कि बउवा दुबे की भी इटावा में एनकाउंटर में मौत हो गई.
दोपहर तक विकास दुबे के मध्य प्रदेश के उज्जैन में देखे जाने और फिर पकड़े जाने की रिपोर्ट आई.
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, विकास दुबे ने गुरुवार सुबह महाकालेश्वर मंदिर पहुँचकर वीआईपी पर्ची कटवाई थी.
बाद में विकास दुबे ने ख़ुद बताया कि वो कानपुर वाला विकास दुबे है. महाकाल मंदिर से दुबे की गिरफ़्तारी हुई. मध्य प्रदेश सरकार ने यूपी सरकार को इसके बारे में सूचित किया. इसके बाद एसटीएफ़ और पुलिस का एक काफ़िला उज्जैन रवाना हो गया.
देर रात विकास दुबे की पत्नी और बच्चे की भी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई. ख़बरों में कहा गया कि लखनऊ के कृषणा नगर की पुलिस ने विकास की पत्नी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक़ एसटीएफ का आरोप। गाड़ी पलटने के बाद पुलिस का असलहा लेकर भाग रहा था विकास दुबे। कानपुर के थाना बर्रा क्षेत्र में हाईवे पर पलटी थी एसटीएफ की गाड़ी। हैलेट हॉस्पिटल में लाया गया विकास दुबे का शव।
पुलिस ने दावा किया है कि इस हादसे में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.