कानपुर मुठभेड़ का मुख्य आरोपी और कुख्यात अपराधी विकास दुबे पर पुलिस ने इनाम की रकम पचास हजार से बढ़ा कर एक लाख कर दी है। वहीं विकास के साथियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है। इस बीच औरैया में एक संदिग्ध कार भी मिली है। जिसमें लखनऊ का नंबर पड़ा है। इस कार को भी कब्जे में लेकर पुलिस छानबीन कर रही है।
मुठभेड़ में शामिल विकास के गुर्गे श्यामू बाजपेई, छोटू शुक्ला, जेसीबी चालक मोनू, जहान यादव, दयाशंकर अग्निहोत्री, शशिकांत, पंडित शिव तिवारी, विष्णु पाल, राम सिंह, राम बाजपेई, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, गोपाल सैनी, वीरू भवन, शिवम दुबे, बालगोविंद और बउवा दुबे के खिलाफ 25,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।
औरैया में दिबियापुर रोड पर एक अज्ञात कार सड़क किनारे खड़ी मिलने पर मचा हड़कंप मचा हुआ है। इस कार को विकास दुबे से जोड़ कर पुलिस छानबीन कर रही है। प्रभारी कोतवाली इंस्पेक्टर सुशांत राजपूत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच जहां की गाड़ी में संघ परिवार लिखा हुआ है। वहीं पीछे अध्यक्ष भर्ती हिंदू संगठन लिखा हुआ है। गाड़ी के अंदर खून से सना कागज रखे होने पर मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन अमित कुमार दुबे के नाम से बताया जा रहा है।
कानपुर के बिकरू में दबिश देने गई पुलिस के साथ खून की होली खेलने के बाद फरार विकास दुबे अब एनकाउंटर के डर से कोर्ट में सरेंडर करने की बात भी सामने आई है। बदमाश की तलाश में जुटी पुलिस की 100 से अधिक टीमों ने रातभर कानपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, झांसी, उरई, बांदा, जालौन आदि जगहों पर दबिश दी, लेकिन 59 घंटे बाद भी विकास का कोई पता नहीं चल सका।
पुलिस को मिले इनपुट के अनुसार विकास पुलिस के एनकाउंटर करने के डर से पूर्व में दर्ज किसी मामले में सरेंडर करने की फिराक में है। वह घटना के बाद से अधिवक्ताओं से संपर्क करने में लग हुआ है जबकि, पुलिस उसे सरेंडर करने से पहले ही पकड़ने के लिए चप्पे चप्पे पर निगाह बनाए हुए है।