उप्र उत्पादन निगम विदेशी कोयला नहीं खरीदेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है। पिछले दिनों केंद्र की तरफ से यूपी पावर कॉर्पोरेशन पर लगातार विदेशी कोयला खरीदने का दबाव बनाया जा रहा था। हालांकि उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से इसका विरोध किया जा रहा था। दलील थी कि इससे बिजली महंगी होगी। यहां तक की प्रति यूनिट एक रुपए का अतिरिक्त भुगतान उपभोक्ता को करना पड़ सकता है। तीन करोड़ उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम व रोजा बजाज लैंको अब कोयला विदेश से नहीं खरीदेंगे। बताया जा रहा है कि इससे 11 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त राजस्व की बचत होगी। उपभोक्ता परिषद ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को इसके लिए बधाई दी है।
उपभोक्ता परिषद के इस मामले में सीएम योगी से टेंडर न करने की अपील की थी। इसके साथ ही उपभोक्ता परिषद की तरफ से नियामक आयोग में भी अपील की गई थी। इसमें दलील दिया गया था कि इससे उपभोक्ताओं को नुकसान होगा। इसकी अनुमति न दी जाए।
उत्तर प्रदेश राज्य उत्पादन निगम के चेयरमैन एम देवराज की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को यह प्रस्ताव भेजा गया था कि इसकी अनुमति न दी जाए। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम सहित प्रदेश के सभी निजी घरानों द्वारा अगर विदेशी कोयला की खरीद की जाती है तो 11000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
कोल इंडिया से अभी कोयला खरीद पर भाड़ के साथ 3000 रुपए प्रति मीट्रिक टन का खर्च आता है। लेकिन अगर विदेशी कोयले की खरीददारी होती तो यह खर्च 17000 रुपए प्रति मीट्रिक टन तक पहुंच जाता। देशी की तुलना में यह खरीददारी छह गुना महंगी पड़ रही थी। इसके अलावा इसकी क्वालिटी भी कुछ खास बेहतर नहीं होती है। इस फैसले से प्रदेश के तीन करोड़ उपभोक्तओं को महंगी बिजली खरीद से राहत मिलेगी।