उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं। सूबे के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के परिणाम घोषित किए। लंबे वक्त से रिजल्ट का इंतजार कर रहे विद्यार्थी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए दसवीं और 12वीं के नतीजे देख सकते हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दसवीं और बारहवीं कक्षा में कुल 51,30,481 परीक्षार्थी शामिल हुए। दसवीं कक्षा में 27,44,976 परीक्षार्थी और बारहवीं कक्षा में 23,85, 505 परीक्षार्थी शामिल रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना इस वर्ष परिणाम अच्छा रहा।
इस साल के रिजल्ट में लड़कों के मुकाबले लड़कियां का प्रदर्शन बेहतर रहा है। दसवीं कक्षा में 23 लाख 982 छात्र पास विद्यार्थी पास हुए हैं। यूपी सरकार ने टॉपर्स को लैपटॉप देने की घोषणा की है। इसके अलावा दसवीं और बारहवीं कक्षा के टॉपर्स विद्यार्थियों को सरकार एक लाख रुपये की सहायता राशि भी देगी। 20 टॉपर्स के घर तक सरकार पक्की सड़क बनाएगी।
पिछले साल यूपी बोर्ड का रिजल्ट अप्रैल महीने में जारी किया गया था। इस साल वैश्विक कोरोना महामारी की वजह से बोर्ड के परिणाम देरी से जारी हुए हैं। इस साल दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं 18 फरवरी में शुरू हुई थीं और 6 मार्च तक चली थी। कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा के चलते परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन प्रक्रिया में देरी हुई थी। जिसकी वजह से इस साल रिजल्ट की घोषणा में भी देरी हुई।
पिछले साल यूपी बोर्ड के दसवीं कक्षा का रिजल्ट 80.07 फीसदी रहा था। उससे पहले साल 2018 में दसवीं के परिणाम 75.16 फीसदी रहा था। जबकि साल 2017 में 81.18 फीसदी, 2016 में 87.66 फीसदी और साल 2015 में दसवीं का परिणाम 83.74 फीसदी रहा था। वहीं, पिछले साल बारहवीं में 70.06 फीसदी विद्यार्थी पास हुए थे। साल 2018 में बारहवीं कक्षा में 72.43 फीसदी और साल 2017 में 82.62 फीसदी रिजल्ट रहा था। उससे पहले साल 2016 में बारहवीं कक्षा का रिजल्ट 87.99 फीसदी और 2015 में 88.83 फीसदी रहा था।
यूपी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट upresults.nic.in/ upmsp.edu.in है।
इस बार तत्काल नहीं मिलेगा अंकपत्र और प्रमाणपत्र
यूपी बोर्ड परीक्षा 2020 का परिणाम जारी होने के साथ अबकी बार बोर्ड की ओर से छात्रों को तत्काल अंकपत्र-प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। बोर्ड की ओर से यह निर्णय कोरोना संकट को देखते हुए लिया गया है। इससे पूर्व में बोर्ड की ओर से परिणाम जारी होने के बाद 15 दिन के भीतर अंकपत्र-प्रमाण पत्र स्कूलों को भेज दिए जाते थे। कोरोना संकट के चलते अंकपत्र-प्रमाण पत्र छपने में परेशानी हो रही है, इसीलिए स्कूलों से कहा गया है कि वह डिजिटल हस्ताक्षर वाले अंकपत्र-प्रमाण पत्र वेबसाइट से डाउनलोड करके छात्रों को वितरित करें। डिजिटल हस्ताक्षर वाले प्रमाण पत्र प्रवेश लेने से लेकर नौकरी तक में मान्य होंगे।इंटरमीडिएट पास करने वाले छात्रों को पहले डिजिटल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएगा, जिससे उन्हें प्रवेश लेने में परेशानी न हो।