भारत नेपाल सीमा कोरोना को देखते हुए सील है। सिर्फ जिन्हें अनुमति मिली है, उन्हें ही प्रवेश मिल पा रहा है। इस बीच विवादित नक्शे को लेकर भी गतिरोध बरकरार है। दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों पर इसका असर दिख रहा है। ज्यादा प्रभाव इन दिनों खुदरा व्यापार पर पड़ा है। क्योंकि भारत एवं नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के ज्यादा लोग जरूरत की छोटी मोटी सामाग्री की खरीदारी सीमा से लगे बाजारों से करते थे। लेकिन हालात बदले तो सब कुछ ठप हो गया। ऐसे में एक अनुमान के मुताबिक करोड़ों का खुदरा व्यापार प्रभावित हुआ है।
भारत और नेपाल दोनों देशों के सीमावर्ती बाजारों की रौनक समाप्त हो गई हैं। महराजगंज जिले से सटे नौतनवां, सोनौली, ठूठीबारी, बरगदवा, कोल्हुई, भगवानपुर और नेपाल के दो जिला रूपनदेही, नवलपरासी से भैरहवां और बुटवल का बाजार, बेलहिया बाजार, महेशपुर में तीन महीने के भीतर करोड़ों का खुदरा कारोबार प्रभावित हुआ है। महेशपुर, भैरहवां, नवलपरासी समेत अन्य सीमावर्ती बाजार ठंड के समय में गर्म कपड़ों के खरीदारो से भरा रहता था। वहां मसालों को खरीदने के लिए भी भारतीय क्षेत्र से खरीदार जाते थे। बड़े दुकानदार पूंजी बचाने के लिए सेल लगा कर काम चला रहे हैं। किसी तरह सामान को खपाया जा रहा है। भारतीय ग्राहकों को नहीं जाने से नेपाल के बाजारों की रौनक बेकार हो गई है। यही हाल भारतीय क्षेत्र सोनौली, नौतनवां, ठूठीबारी, कोल्हुई और बरगदवा बाजार का है। इन क्षेत्रों में नेपाल के ग्राहकों की संख्या ज्यादा होती थी। अब ऐसा नहीं है।
सीमेंट सरिया उद्योग बंद हो सकता
भारत नेपाल सीमा से सटे नेपाल के रूपनदेही और नवलपरासी के क्षेत्र में करीब करोड़ों के खुदरा व्यवसाय का नुकसान हो चुका है। व्यवसायियों का कहना है कि अगर लॉकडाउन और बयान बाजी ऐसे ही चलता रहा तो सीमेंट और सरिया उद्योग बंद हो जाएगा। करीब तीन माह से लगातार जारी लॉकडाउन और भारत नेपाल के बीच उपजे विवाद के बाद भारत व नेपाल दोनों ओर के बाजारों में ग्राहकों का आना-जाना नहीं है। दुकानों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों व उद्योग धंधों में ताले लटके हैं।
सोनौली- कपड़ों की दुकानों पर सन्नाटा है। किराना स्टोर भी सूने हैं। पहले ऑटो पार्ट्स के लिए बड़ी संख्या में आने वाले नेपाल के लोग नहीं दिख रहे हैं। दुकानदारों की आमदनी प्रभावित हुई है। नौतनवां-कपड़े और हार्डवेयर की खरीद के लिए नेपाल के मर्चवार, बुटवल, भैरहवां और पोखरा तक के लोग आते थे। लेकिन अभी इनकी संख्या नहीं है। दुकानदार पूंजी लगाकर माथा पीट रहे हैं। ठूठीबारी-साप्ताहिक बाजार करीब उजड़ चुके है। नेपाल के नारायण घाट, गैड़ा कोट, अरुन खोला, दाउन्ने देबी, बरघाट, सेमरी, गोपालगंज, गुमही, सोनवल, खैरहली, नवलपरासी के खरीदारों से गुलजार रहने वाली बाजार में सन्नाटा है। महेशपुर-ठूठीबारी से सटे नेपाल के इस बाजार में भारतीय गर्म मशाला और गर्म कपड़ों की खरीद के लिए पहुंचते थे। लेकिन वहां से रौनक गायब है।