भारत और चीनी सेनाओं के बीच झड़प में जिन भारतीय सैनिकों की मौत हुई है, उनमें एक कर्नल तेलंगाना के सूर्यापेट ज़िले के रहने वाले हैं और एक जवान तमिलनाडु के रामानाथपुरम ज़िले से हैं.
मारे गए कर्नल का नाम संतोष बाबू है जो चीनी सीमा पर पिछले डेढ़ साल से तैनात थे.
कर्नल संतोष बाबू 16-बिहार रेजिमेंट में थे. उनकी पत्नी और दो बेटे हैं.
कर्नल संतोष की मां मंजुला ने बताया कि उन्हें भारतीय सेना ने सोमवार दोपहर को यह सूचना दी थी जबकि कर्नल की पत्नी दिल्ली में रहती हैं.
वहीं, तमिलनाडु के जवान का नाम पलनी (40 वर्षीय) है, जिनकी सीमा पर हिंसक झड़प में मौत हुई है.
उनके भाई ने बीबीसी तमिल को इसकी पुष्टि की है. पलनी बीते 22 सालों से भारतीय सेना में थे.
हालांकि, एक जवान की अभी तक पहचान ज़ाहिर नहीं की गई है.
वहीं, चीनी पक्ष की ओर से किसी के मारे जाने या घायल होने के बारे में चीनी सरकार या सेना ने अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है.
लेकिन चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स के एक संपादक ने ट्वीट करके चीनी पक्ष में भी नुक़सान होने की पुष्टि की है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई.के. पलनीसामी ने ट्वीट करके राज्य के जवान की मौत पर दुख जताया है और उनके गांव की जानकारी दी है.
पलनी के भाई इतायाक्कनी भी सेना में हैं और राजस्थान में तैनात हैं. उन्होंने बीबीसी तमिल सेवा के साईराम से बात की और कहा कि वो अपने घर के लिए रवाना हो रहे हैं.
उन्होंने कहा, “बीती रात सेना के कर्मचारियों ने मुझे फ़ोन करके बताया कि लद्दाख में झड़प के दौरान मेरे भाई की मौत हो गई है. उनके अंतिम संस्कार के लिए मैं राजस्थान से अपने घर जा रहा हूं.”
इतायाक्कनी ने बताया कि उनके भाई से आख़िरी बार उनकी बात 10 दिन पहले हुई थी.
उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझे बताया था कि वो शहर से लद्दाख सीमा की ओर जा रहे हैं जहां पर नेटवर्क की समस्या होगी. तो उन्होंने मुझे कहा कि अगली फ़ोन कॉल में वक़्त लगेगा.”
इतायाक्कनी ने कहा कि उनके सेना में भर्ती होने की वजह उनके भाई ही थे.
उन्होंने कहा, “यह मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा नुक़सान है. मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि मेरी भाभी और दो बच्चे इस समय किन परिस्थितियों से गुज़र रहे होंगे.”