तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने सोमवार को लगातार 9वें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि की। दिल्ली में 48 पैसे की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल अब 76.26 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, डीजल में 59 पैसे की बढ़ोतरी के बाद कीमत बढ़कर 74.62 प्रति लीटर हो गई है। इससे पहले, रविवार को राजधानी में पेट्रोल की कीमत में 62 पैसे और डीजल में 64 पैसे की बढ़ोतरी हुई थी।
पहले ही कोरोना से डरकर ज्यादातर लोग अपने निजी वाहनों में सफर करना पसंद कर रहे हैं। लेकिन नौ दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जो उछाल जारी है उससे अपना वाहन चलाना भी भारी पड़ने लगा है। मार्च में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइड ड्यूटी में तीन रुपये प्रति लीटर का इजाफा कर दिया था। लेकिन तेल कंपनियों ने इसा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला था। दूसरा लॉकडाउन में ढील के बाद अचानक से पेट्रोल और डीजल की मांग बढ़ी है। रुपये में गिरावट से भी तेल कंपनियों की चिंता बढ़ी है। लॉकडाउन के बीच तेल कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा था, अब वे इसकी भरपाई करना चाहेंगी।
इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने में बड़ा रोल अदा कर रही है।
डॉक्टर रवि सिंह ने कहा कि अप्रैल में जो क्रूड 17.51 डॉलर प्रति बैरल पर था, अब वह बढ़कर 38 डॉलर के करीब है। यानी क्रूड की कीमतों में दो महीने से भी कम समय में 100 फीसदी से ज्यादा तेजी आई है। रुपये में गिरावट से भी तेल कंपनियों की चिंता बढ़ी है। रुपये में गिरावट का मतलब है कि उन्हें तेल खरीदने के लिए डॉलर के रूप में ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत
बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
कैसे तय होती है तेल की कीमत?
विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है।
देश में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स 69 फीसदी हो गया है, जो विश्व में सबसे ज्यादा है। पिछले साल तक भारत में पेट्रोल-डीजल पर 50 फीसदी तक टैक्स था। बात अगर विकसित अर्थव्यवस्था की करें तो अमेरिका में कुल कीमत का 19 फीसदी जापान में, 47 फीसदी यूके में, 62 फीसदी और फ्रांस में 63 फीसदी टैक्स के रूप में लगता है।