मानसूनी बारिश (Monsoon Rain) में भीगने के लिए बस 1 हफ्ते का इंतजार बाकी रह गया है. सब कुछ ठीक चलता रहा तो 20 जून से मानसूनी बौछारें मिजाज को तरबतर करने यूपी पहुंच जाएंगी. मौसम विभाग (Met Department) के अभी तक के अनुमान के मुताबिक मानसून की चाल सामान्य है और तय समय पर ही इसके यूपी पहुंचने की संभावना है. अरब सागर से चले दक्षिण पश्चिम मानसून के 20 जून को यूपी में पहुंचने की उम्मीद मौसम विभाग लगा रहा है.
इन जिलों से यूपी में करेगा प्रवेश
गुजरात और मध्य प्रदेश के रास्ते यह दक्षिण पश्चिम मानसून पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में दाखिल होगा. सोनभद्र के रास्ते यूपी में दाखिल होने वाला मानसून चंदौली, बनारस, गाजीपुर, आजमगढ़, गोरखपुर के रास्ते तराई के जिलों में पहुंचेगा. अरब सागर से चला दूसरा मानसूनी सिस्टम 25 जून के आसपास पश्चिमी यूपी के जिलों को तर करेगा. यह मानसूनी सिस्टम फिरोजाबाद, इटावा और मैनपुरी के रास्ते पश्चिमी यूपी को भिगोयेगा.
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बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती माहौल
इस बीच बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक चक्रवातीय माहौल से 20 जून से पहले भी पूर्वांचल के जिलों में थोड़ी ज्यादा बरसात देखने को मिल सकती है. हालांकि अभी बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवातीय माहौल का सटीक विश्लेषण एक दो दिनों बाद ही सामने आएगा. मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात की दिशा क्या होती है इस पर निर्भर करेगा कि यूपी में इसकी वजह से 20 जून से पहले ही बारिश शुरू हो सकती है या नहीं. या फिर कितनी मात्रा में बारिश होगी.
खेती-किसानी के लिए फायदेमंद
दूसरी तरफ, मानसून के समय पर पहुंचने से खेती के लिए भी बहुत फायदा होगा. धान के बीज लगा दिए गए हैं जो एक हफ्ते में रोपाई के लिए तैयार हो जाएंगे. ऐसे में जून के आखिरी हफ्ते में झूमकर बारिश हुई तो धान की रोपाई भी सही तरीके से हो सकेगी और बढ़िया फसल होने की संभावना भी बढ़ जाएगी.