लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, एवीएसएम, वीएसएम, 01 जून 2020 को अंडमान और निकोबार कमांड (सीआईएनसीएएन) के 15वें कमांडर-इन-चीफ का पदभार संभालेंगे। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र, जनरल ऑफिसर को इंजीनियर्स कोर (द बॉम्बे सैपर्स) में दिसंबर 1982 में कमीशन दिया गया था। वे स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूनाइटेड किंगडम) से स्नातक हैं और उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, मऊ तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी), दिल्ली में हायर कमांड कोर्स किया है।
अपनी 37 वर्षों की विशिष्ट सेवा के दौरान, जनरल ऑफिसर ने ऑपरेशन विजय और पराक्रम में सक्रिय भाग लिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट, स्ट्राइक कोर के हिस्से के रूप में एक इंजीनियर ब्रिगेड, नियंत्रण रेखा के पास एक इन्फैंट्री ब्रिगेड, पश्चिमी लद्दाख के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक माउंटेन डिवीजन, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात कोर के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र में काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस के कमान संभाली। उन्हें सेना के महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी दी गयी थी तथा उन्हें इथियोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य चीफ इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया गया था। वे वर्तमान नियुक्ति संभालने से पहले सेना मुख्यालय में अनुशासन, समारोह-शिष्टाचार (सेरेमोनियल) और कल्याण के विषयों से संबंधित विभाग के महानिदेशक थे।
इस बीच लेफ्टिनेंट जनरल पोडली शंकर राजेश्वर पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, अंडमान और निकोबार कमान (सीआईएनसीएएन) के 14वें कमांडर-इन-चीफ 31 मई 2020 को सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने चार दशक लम्बे अपने विशिष्ट करियर में एक शानदार विरासत छोडी है और कई महत्वपूर्ण कार्य किये जो मील के पत्थर सिद्ध हुए हैं। उन्होंने 01 दिसंबर 19 को पदभार संभाला था।
सीआईएनसीएएन के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, लेफ्टिनेंट जनरल राजेश्वर ने एएनसी की युद्ध सम्बन्धी तैयारियों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। उनकी कमान के दौरान इंडो-थाई कोऑर्डिनेटेड पैट्रोल (सीओआरपीएटी) का 29वां संस्करण, 13 से 21 फरवरी 2020 तक सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल राजेश्वर के निर्देशों के तहत, कमान के कर्मियों और परिसंपत्तियों का सक्रिय रूप से समन्वय किया गया और कोरोना महामारी से निपटने और द्वीपों में लोगों की सहायता करने के लिए अंडमान और निकोबार प्रशासन के साथ मिलकर काम किया।
उनकी विशिष्ट सेवा के लिए, लेफ्टिनेंट जनरल राजेश्वर को 26 जनवरी 2020 को परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) से सम्मानित किया गया और उन्हें नवंबर 2019 में भारत के राष्ट्रपति के लिए मानद एड-डी-कैंप (एडीसी) के रूप में नियुक्ति दी गयी।