प्रतापगढ़ के कटरा मेदनीगंज में एक चैनल के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव (45) रविवार रात संदिग्ध हाल में मृत पड़े मिले। घटना तब हुई जब वह समाचार कवरेज करके लालगंज से बाइक से घर लौट रहे थे। उनके सिर पर हल्की चोट के निशान मिले हैं। लेकिन देर रात तक यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि उनकी मौत कैसे हुई। खास बात यह है कि एक दिन पहले ही उन्होंने आला पुलिस अधिकारियों को पत्र भेज कर अपनी जान को खतरा बताया था। पुलिस का कहना है कि जांच पड़ताल की जा रही है।
सुलभ हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव प्रतापगढ़ में थाना कोतवाली नगर के स्टेशन रोड स्थित सदरपुर पश्चिमी के रहने वाले थे। वह एक चैनल के प्रतापगढ़ जिला संवाददाता के रूप में कार्यरत थे। रविवार शाम वह लालगंज क्षेत्र में अपराधियों को पकड़े जाने की कार्रवाई की कवरेज में गए थे। रात 10ऱ्30 बजे के करीब व साथियों समेत घर लौट रहे थे। कटरा मेदनीगंज पहुंचने पर अन्य साथी पीछे थे जबकि बाइक की गति तेज होने के कारण वह मोबाइल पर बात करते हुए थोड़ा आगे निकल गए। कुछ देर बाद साथी पहुंचे तो वह सड़क किनारे मृत पड़े मिले।
उनके सिर पर हल्की चोट के निशान थे। सूचना पर पुलिस भी आ गई। जांच पड़ताल के बाद शव को मोर्चरी भिजवा दिया गया। पुलिस आशंका जता रही है कि सुलभ हादसे का शिकार हो गए। पुलिस का मानना है कि बारिश की वजह से सड़क पर फिसलन थी और इसी वजह से उनकी बाइक अनियंत्रित हो गई और वह हादसे का शिकार हो गए। मामले में प्रतापगढ़ के प्रभारी एसपी धवल जायसवाल का कहना है कि प्रारंभिक जांच पड़ताल में यही बात सामने आई है कि मृतक हादसे का शिकार हुए। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी यही बात बताई है। जांच पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी
सुलभ ने एक दिन पहले ही एडीजी प्रयागराज जोन को शिकायती पत्र भेजकर अपनी व अपने परिवार की जान को खतरा बताया था। इसमें बताया था कि पिछले दिनों प्रतापगढ़ जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों मैं अवैध शराब का जखीरा पकड़े जाने की घटना का कवरेज उन्होंने किया था। इसके बाद 9 जून को न्यूज़ चैनल के डिजिटल प्लेटफार्म पर एक खबर भी चलाई थी। जिसे लेकर कुछ लोगों ने बताया था कि शराब माफिया उस खबर को लेकर उनसे नाराज हैं। पत्र में यह भी बताया गया था कि पिछले 2 दिनों से जब भी वह घर से बाहर निकलते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि कोई उनका पीछा कर रहा है। ऐसे में उन्हें लगता है कि कुछ शराब माफिया, जो उनकी खबर से नाखुश हैं, उन्हें या उनके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उनका परिवार भी डरा सहमा है।