केंद्र सरकार ने राज्याें और केंद्रशासित प्रदेशाें काे चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्हें वैक्सीन के स्टाॅक और उसके स्टाेरेज के तापमान काे सार्वजनिक नहीं करने का निर्देश दिया गया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि इलेक्ट्राॅनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ईवीआईएन) सिस्टम पर माैजूद टीकाें के स्टाॅक और उसके तापमान की जानकारी संवेदनशील सूचना है और इसका उपयाेग केवल कार्यक्रम में सुधार के लिए किया जाना है।
प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) सलाहकार प्रदीप हलदर के दस्तखत वाली चिट्टी में कहा गया है कि ईवीआईएन के डेटा और विश्लेषण स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वामित्व में हैं और इसे मंत्रालय की सहमति के बिना किसी अन्य संगठन, भागीदार एजेंसी, मीडिया, ऑनलाइन और ऑफलाइन सार्वजनिक मंचों के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे वैक्सीन के भंडार और जहां उन्हें रखा गया है, वहां के तापमान की पूरी जानकारी और मूल्यांकनई-विन के जरिये साझा करने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति जरूर लें। ऐसा करने का मकसद यही है कि इन आंकड़ों का गलत इस्तेमाल कोई एजेंसी अपने कारोबारी लाभ के लिये न कर सके।
उल्लेखनीय है कि सार्वभौमिक रोग-प्रतिरक्षा कार्यक्रम (यूनीवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम – यूआईपी) के तहत कई वैक्सीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन वैक्सीनों के तापमान के बारे में भी आंकड़े उपलब्ध हैं। किसी खास वैक्सीन के इस्तेमाल के रुझान के बारे में बहुत सी अहम सूचनायें होती हैं। अन्य वैक्सीनों के मद्देनजर सम्बंधित विशेष वैक्सीन से जुड़े अनुसंधान, कोल्ड-चेन उपकरणों की जानकारी के साथ-साथ बाजार में दखलंदाजी करने के लिये आंकड़ों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह बात बहुत अहम है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ई-विन इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें यूआईपी के तहत पिछले छह साल से अधिक समय से इस्तेमाल होने वाली वैक्सीनें शामिल हैं। स्टॉक, भंडारण और तापमान से जुड़े संवेदनशील आंकड़ों को स्वास्थ्य मंत्रालय की पूर्वानुमति के बिना साझा नहीं किया जा सकता।
कोविड-19 वैक्सीन के स्टॉक, खपत, बची हुई वैक्सीन का आंकड़ा कोविन प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसे नियमित तौर पर और पारदर्शिता के साथ साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस और दैनिक प्रेस विज्ञप्ति के जरिये मीडिया तथा जनता के सामनेपेश करता है।
कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में पारदर्शिता लाने के लिये केंद्र सरकार कटिबद्ध है। यही कारण है कि केंद्र सरकार नेवैक्सीन की सूचना प्रौद्योगिकी आधारित ट्रैकिंग करने का उपाय किया है। कोविन के जरिये वैक्सीन को लाभार्थियों तक पहुंचने की पूरी ट्रैकिंग की जाती है। इसका मकसद यही है कि नियमित रूप से सूचना को आम जनता के साथ साझा किया जाये।