मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में धर्मगुरुओं ने कहा कि 70 दिनों से लोग धार्मिक स्थलों में नहीं जा पा रहे हैं। पूजा-अर्चना, इबादत नहीं कर पाने से बहुत से लोग बेचैन हैं। वह डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं। धार्मिक स्थल खोलने के लिए सरकार की जो भी शर्तें होंगी, उसी के अनुसार अमल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन-4 खत्म होने वाला है, लेकिन वायरस का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। ऐसे मेें लॉकडाउन-5 भी लागू हो सकता है। सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था के साथ लॉकडाउन में कुछ ढील की है। बाजार, दफ्तर और दुकानें खोलने की इजाजत दी है। इसलिए सरकार से मांग है कि कुछ शर्तों और सुरक्षा के उपायों की पाबंदी के साथ धार्मिक स्थल भी खोलने की इजाजत दी जाए।
कार्यक्रम नहीं सिर्फ पूजा-पाठ करेंगे
धर्मगुरुओं का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर सिर्फ पूजा, पाठ और इबादत के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ खोलने की इजाजत दी जाए। किसी भी कार्यक्रम के लिए सरकार से इजाजत ली जाए। मुख्यमंत्री को पत्र भेजने वालों में ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, कृष्ण मोहन आचार्य, ब्रह्मकुमारीज राधा बहन, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल राकेश चत्री, गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा, कैलाश चंद्र जैन, देवेंद्र भंदे, आरडी द्विवेदी, मौलाना नईमुर्रहमान, मौलाना मुहम्मद मुश्ताक, मुरलीधर आहूजा, पंडित धीरेंद्र कुमार पांडेय, शैलेंद्र जैन शामिल हैं।