उच्च शिक्षण संस्थानों में फाइनल ईयर के सभी स्टूडेंट्स की परीक्षा कराने का फैसला किया है। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही यह अगली कक्षा में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे जबकि स्नातक के फर्स्ट व सेकेंड ईयर तथा परास्नातक के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स प्रमोट होंगे।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने मंगलवार को आदेश जारी करके बताया कि प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों के यूजी व पीजी के स्टूडेंट्स अगली कक्षाओं में प्रोमोट होंगे।स्नातक के फर्स्ट व सेकंड और परास्नातक के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे।
वहीं यूजी और पीजी के लास्ट सेमेस्टर की परीक्षाएं संपन्न कराई जाएंगी।सभी विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों को अगस्त के मध्य तक परीक्षा कराने के निर्देश दिए गए है।इस आदेश से प्रदेश के करीब 41 लाख स्टूडेंट्स अगली कक्षाओं में प्रोन्नत होंगे।
स्नातक द्वितीय एवं अंतिम वर्ष तथा स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं विश्वविद्यालय द्वारा स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए मध्य-अगस्त तक संपन्न की जाएगी परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण – OMR आधारित/ बहुविकल्पीय/ विस्तृत प्रश्नों का सम्मिश्रण, अवधि घटाकर एक-डेढ़ घंटा।
लास्ट सेमेस्टर की होने वाली लिखित परीक्षा इस बार तीन घंटे के स्थान पर सिर्फ एक घंटे की ही होगी।इसके बाद परिणाम भी सितंबर के पहले हफ्ते तक घोषित कर दिया जाएगा।प्रदेश में उच्च शिक्षा का नया शैक्षिक सत्र (2021-2022) 13 सितंबर से शुरू होगा।
मौखिक परीक्षा viva-voceऑनलाइन,प्रायोगिक परीक्षा के अंक लिखित परीक्षा के आधार पर कोरोना पीड़ित होने की दशा में परीक्षा में सम्मिलित न हो पाने पर छात्र को विशेष अवसर।घोषित व्यवस्था से, परीक्षा परिणाम से संतुष्ट न होने वाले छात्रों को 2022-23 में अंकों में सुधार का अवसर दिया जाएगा
परीक्षा के दौरान कोविड-19 से बचाव के समस्त प्रोटोकॉल एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा इसके लिए केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जायेगी।
एक कमरे में छात्रों के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार से की जाए कि सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन हो। कमरे में हवा की पर्याप्त व्यवस्था हो तथा खिड़कियों रोशनदान खोलकर परीक्षा सम्पन्न करायी जाय। परीक्षा के पहले एवं बाद में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था, अनिवार्य फेस मास्क एवं थर्मल स्कैनिंग की समुचित व्यवस्था की जाएगी। कोरोना संक्रमण के कारण यदि कोई छात्र परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाता है, तो उसके विशेष परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अवसर दिया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में छात्रों के हित में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बड़ा फ़ैसला ।कोरोना संक्रमण को देखते हुए लिया गया फ़ैसला ।स्नातक एवं परास्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों की प्रोन्नति – सेमेस्टर एवं वार्षिक प्रणाली दोनों हेतु फ़ार्मूला तय।
— Dr Dinesh Sharma BJP (@drdineshbjp) June 8, 2021