उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कोरोनावायरस के संक्रमण के दौरान केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। सोशल मीडिया पर सक्रिय मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट भी किया। मायावती ने कहा कि अब संकट की घड़ी में केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज के उपयोग की भी परीक्षा होगी।
मायावती ने कहा कि देश में पिछले 66 दिन से लॉकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्ष और तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौट आए। लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्तत: कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल और बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। बसपा की इसी मांग की सरकार लगातार अनदेखी करती रही है। अब कोर्ट के आदेश का पालन को इनको करना ही होगा।
बसपा मुखिया ने कहा- घर वापसी कर रहे खासकर यूपी व बिहार में बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केंद्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है। इन्हें इनके घर के आसपास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है।
उन्होंने कहा कि वास्तव में केंद्र सरकार ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रुपया का जो राहत पैकेज घोषित किया है उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहां होनी है। आम जनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा और बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा और तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए। उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए। अब सरकार को इस अभियान को गति प्रदान करनी होगी।