भारत सरकार के केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी को पत्र लिख कर खुशी जाहिर की है कि उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए वर्ष 2022 में ही उत्तर प्रदेश में हर घर को पानी देने का संकल्प लिया है कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा होगा तब प्रदेश का हर ग्रामवासी अपने घर के अंदर ही लगे नल से साफ पानी पी रहा होगा। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य ‘हर घर तक नल से जल’ की आपूर्ति उपलब्ध कराएगा, जिससे हमारी माताओं, बहनों और बेटियों को जल लाने के लिए भारी परेशानियों से मुक्ति मिल सकेगी। सही मायनों में यही अंत्योदय है। इस कार्य के लिए केंद्र व राज्य दोनों ही द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में सुरक्षित जल की उपलब्धता करने का भी प्रविधान किया गया है।
वर्ष 2019-20 में लगभग 7.92 लाख घरों में घरेलू नल कनेक्शन भी प्रदान कर दिए गये हैं। वर्ष 2020-21 के दौरान उत्तर प्रदेश के लिए आवंटित निधि को 1,163.04 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,449.33 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार केंद्रीय निधि के रूप में 3,234.50 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। अत: वर्ष 2020-21 में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य के अंश के रूप में 6,470 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे। राज्य में अगले 4-6 महीनों में पाइप जलापूर्ति प्रणाली वाले 12,515 गांवों में 54 लाख कनेक्शन प्रदान किए जाने की संभावना है। शेष परिवारों को ‘मिशन मोड’ में नल कनेक्शन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करके ये गांव अल्प समय में ही ‘हर घर जल गांव’ बन जाएंगे। एकल ग्राम जलापूर्ति योजनाएं इस वर्ष ही पूरी करने के लिए मद-दर अनुबंध करके बड़ी संख्या में निर्माण एजेंसियों को नियुक्त कर एक साथ हजारों गांवों में कार्य संपन्न किया जाएगा। सरकार लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संदर्भ में, जल की कमी वाले क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों, एससी/ एसटी बहुल गांवों/ बस्तियों, एसएजीवाई संतृप्त गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त, 15वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश में पंचायती राज संस्थानों को 9,752 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और इस राशि का 50% भाग जल आपूर्ति और स्वच्छता पर व्यय किया जाएगा व स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गंदले जल के शोधन और पुन: उपयोग से संबंधित कार्य किए जाएंगे। वर्ष 2022 तक 100% एफएचटीसी प्राप्त करने के राज्य के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मार्च, 2021 तक ‘हर घर जल गांव’ बनने वाले कुल गांवों में न्यूनतम 40% का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एमजीएनआरईजीएस, जेजेएम, एसबीएम (जी) जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के अभिसरण के माध्यम से पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के दीर्घावधि स्थायित्व के लिए मौजूदा पेयजल स्रोतों को सुदृढ़ करके, पंचायती राज संस्थानों, जिला खनिज विकास निधि, सीएएमपीए, सीएसआर निधि, स्थानीय क्षेत्र के लिए विकास निधि आदि को 15वें वित्त आयोग से अनुदान प्राप्त करने को ध्यान में रख कर प्रत्येक गांव की ग्राम कार्य योजना (वीएपी) बनाई जा रही है। जल सुरक्षा को प्राप्त करने हेतु व दीर्घकालिक स्थायित्व को सुनिश्चित करने के लिए गांवों में जल आपूर्ति प्रणालियों की आयोजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, प्रचालन व रख-रखाव में स्थानीय समुदाय/ ग्राम पंचायतों और/ अथवा इनकी उप समिति/ प्रयोक्ता समूहों को शामिल किया जाएगा तथा सामुदायिक एकजुटता के साथ आईईसी अभियान चला कर जल जीवन मिशन को सही मायनों में एक जन आंदोलन बनाया जा रहा है।
कोविड-19 महामारी को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि लोग जल लाने के लिए सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट/ सार्वजनिक जल स्रोतों के आस-पास भीड़ न लगाएं। इसलिए, सभी घरों में जल आपूर्ति का काम वरीयता के आधार पर हर घर नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए किया जाएगा। अत: यह न केवल सामाजिक दूरी का पालन करने में मदद करेगा, अपितु इससे स्थानीय लोगों को रोजगार पाने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी सहायता मिलेगी। श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी को विश्वास दिलाया है कि उत्तर प्रदेश को 100% एफएचटीसी राज्य यानी ‘हर घर जल राज्य’ बनाने के लिए बिना शर्त सहायता दी जाएगी।
श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जल जीवन मिशन की योजना और कार्यान्वयन की समीक्षा उत्तर प्रदेश के जल मंत्री, विभाग के प्रधान सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 05 मई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। श्री गजेंद्र सिंह शेखावत अगली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सीधे मुख्यमंत्री के साथ कर इस विषय पर चर्चा करेंगे, जिससे कि राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के कदमों को त्वरित गति मिल सके।