जम्मू में कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में बुधवार को ढील देते हुए शराब की दुकानों को खोल दिया गया। एक महीने से भी अधिक समय बाद शराब की दुकानें खुलने से उनके बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी गयीं। कोविड संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए शराब की दुकानों के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है । लेकिन कई जगह से शारीरिक दूरी के अलावा अन्य नियमों का उल्लंघन होने की शिकायतें भी मिलीं।
बुधवार की सुबह जैसे ही दुकानें खुलीं, लोग बड़ी संख्या में पहुंच गए और शराब खरीदने के लिए लंबी-लंबी कतारों में इंतजार करते नजर आए। पुलिस को कोविड संबंधी नियमों का पालन कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
हाल में ई-नीलामी के माध्यम से शराब की नयी दुकानों को खोलने के लिए नए लाइसेंस जारी किए गए थे, जिससे सरकार को 140 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए कर्फ्यू के बाद से ही शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया था।
ई-नीलामी ने लाइसेंस के नवीनीकरण की पारंपरिक प्रक्रिया को बदल दिया, जिसके परिणामस्वरूप 228 शराब कारोबारी बेरोजगार हो गए।
रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें खुलने के बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हस्तक्षेप करने की मांग भी की।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में सोमवार से ही लॉकडाउन को आंशिक रूप से खोलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।