अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए बनाई जा रही नींव की पहली बार तस्वीरें सामने आई हैं। नींव की छह लेयर तैयार हो चुकी हैं। कुल 44 लेयर बनाई जानी हैं। ताउते और यास तूफान के कारण हुई बारिश के चलते पिछले कुछ दिनों से काम बंद था, जो सोमवार से फिर शुरू हो गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सोमवार को कामकाज देखने के लिए मंदिर परिसर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह काम अगले अगस्त महीने तक पूरा होगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राममंदिर निर्माण की प्रगति की वास्तविक स्थिति साझा करते हुए बताया कि राममंदिर की नींव भराई के लिए लेयर निर्माण का काम तेज कर दिया गया है। 50 फीट गहराई से एक लाख 20 हजार घनफीट मलबा निकाला जा चुका है।
अब इस गहरे गड्ढे को भरने का काम हो रहा है। दो शिफ्टों में दिन रात काम चल रहा है। 400 फीट लंबाई व 300 फीट चौड़ाई वाले राममंदिर के गर्भगृह स्थल को भरने के लिए अब तक चार लेयर डालने का काम पूरा किया जा चुका है। पांचवीं लेयर का काम जारी है। बीते दिनों बारिश न होती तो ये काम भी अब तक पूरा हो जता।
उन्होंने बताया कि एक लेयर ढालने से लेकर सुखाने तक में चार से पांच दिन लग जाते हैं। ऐसी कुल 44 लेयर डाली जानी है। बताया कि फिल्ड मटेरियल की एक फीट लेयर पहले बिछाई जाती है। फिर इसे रोलर के जरिए दो इंच दबाया जाता है। जब लेयर की मोटाई 10 इंच की हो जाती है तब एक लेयर तैयार हो जाती है।
श्री रामजन्मभूमि परिसर में नींव के लिए लगातार चली खुदाई के बाद विशेषज्ञों की सलाह से यह निर्णय लिया गया कि नींव भराई का कार्य Roller Compacted Concrete तकनीक से किया जाएगा। लगभग 1,20,000 स्क्वायर फ़ीट क्षेत्र में अभी 4 परत बिछाई जा चुकी हैं। कुल 40-45 ऐसी ही परत बिछाई जाएंगी।
चंपत राय ने बताया कि राममंदिर परिसर को चौरस बनाने के लिए आवश्यक जमीन खरीदी जा रही है। परकोटा निर्माण में आ रही वास्तु दोष की बाधा का निवारण किया जा रहा है। मंदिर परिसर के चारों तरफ परकोटा का निर्माण होना है। परकोटे को सीधे करने के लिए ट्रस्ट ने कौशल्या भवन व फकीरे राम मंदिर का बैनामा सहमति के आधार पर करा लिया है।
परकोटा को चौरस बनाने के लिए अब तक जितनी जमीन की आवश्यकता थी ट्रस्ट ने उतनी जमीन खरीद ली है। अब केवल पश्चिम दिशा का कोना ठीक होना बाकी है, जल्द ही इसका भी समाधान हो जाएगा। नींव भराई का काम पूरा होने के बाद परकोटे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।