कोरोना संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। कक्षा छठवीं से लेकर बारहवीं तक के विद्यार्थियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए व्यवस्थाओं में कई बदलाव भी किए हैं। शनिवार को प्रशासन ने दसवीं बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शनिवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद 10वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया है।
बारहवीं बोर्ड परीक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव
परीक्षार्थियों के भविष्य में 12वीं के अंकों के महत्व को देखते हुए स्थितियां अनुकूल होने पर जुलाई के द्वितीय सप्ताह में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इंटर की परीक्षा कराई जाएगी। पेपर तीन के बजाय डेढ़ घंटे का होगा। हर पेपर में 10 सवाल पूछे जाएंगे। इनमें से केवल तीन सवालों का जवाब देना होगा। इसकी समय सारिणी जल्द जारी की जाएगी। परीक्षा 15 दिनों में कराई जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
कक्षा नौवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मिलेगी प्रोन्नति
उपमुख्यमंत्री के अनुसार कक्षा 9 एवं 11 के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में 9, 11 के छात्रों को प्रोन्नति दी जाएगी। यदि किसी विद्यालय में वार्षिक परीक्षा अभी तक नहीं हो पाई है तो वहां पूरे साल के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रोन्नति होगी। इसके अलावा यदि किसी शिक्षा बोर्ड का परीक्षा के संबंध में कोई आदेश होगा तो बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में वही लागू होगा।
डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा 6, 7 और 8 के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का आदेश पूर्व में जारी किया गया है। यदि किसी शिक्षा बोर्ड विशेष का परीक्षा को लेकर कोई आदेश न हो तो प्रदेश में सभी बोर्ड के विद्यालयों में कक्षा 6, 7 एवं 8 के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा। विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने का निर्णय यदि कोई विद्यालय नहीं मानता है तो अभिभावक डीएम की अध्यक्षता वाली नियामक समिति के समक्ष शिकायत कर सकेंगे।
माध्यमिक शिक्षा परिषद उ०प्र० द्वारा 56 लाख छात्रों के हित में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय । pic.twitter.com/HZJT9iinaL
— Dr Dinesh Sharma BJP (@drdineshbjp) May 29, 2021