1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार ने गुरुवार को प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) का पदभार संभाल लिया। इससे पहले वे एडीजी जोन मेरठ के पद पर तैनात थे। मंगलवार को शासन ने उनका तबादला कर दिया था। प्रशांत कुमार ने मेरठ में कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर एकाएक चर्चा में आ गए थे। साथ ही इनके कार्यकाल में जोन में ताबड़तोड़ कई एनकाउंटर किए गए थे।
पदभार संभालने के बाद एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा- शासन की प्राथमिकताएं और पुलिस महानिदेशक का जो आदेश रहा है, हमें उसे अच्छे से निभाना है। शासन की पहले से ही प्राथमिकता रही है जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट क्राइम, जो पुलिस की हमेशा ही प्राथमिकता में रहेगी। कोविड-19 महामारी के समय में पुलिस ने जो कार्य किए, उसकी प्रशंसा हर जगह हुई है। पुलिस ने सर्विस बिफोर सेल्फ का बड़ा परिचय दिया है। उत्तर प्रदेश की पुलिस सबसे अच्छी कॉरोना वॉरियर्स है। यहां ऑफिसर्स ओरिएंटेड काम किया गया। जिसकी वजह से उत्तर परदेश में पुलिस के लोग कम संक्रमित हुए हैं। पुलिस वालों को कोरोना से बचाव के लिए किट्स दिए गए। फेस शील्ड, ग्लव्स और सैनिटाइजर आदि समय पर मुहैय्या कराया गया।
एडीजी ने कहा- लोगों का पलायन पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है। लेकिन प्रदेश पुलिस पलायन को बहुत ही बेहतर ढंग से मैनेज कर रही है। सभी फील्ड ऑफिसर्स पूरी तरह से इस चुनौती से निपटने के लिए सेंसिटाइज हो चुके हैं। शासन और पुलिस महानिदेशक ने पहले भी फोर्स से कहा था कि श्रमिकों के पलायन को बहुत ही संवेदनशीलता व मानवीयता दृष्टिकोण से देखें।
तेज तर्रार आईपीएस के रुप में पहचान
एडीजी कानून व्यवस्था बनाए गए प्रशांत कुमार की गिनती तेज तर्रार आईपीएस के रूप में होती है। प्रशांत कुमार लगभग तीन साल से मेरठ जोन के एडीजी थे। उनके एडीजी रहते हुए सबसे अधिक एनकाउंटर मेरठ जोन में ही हुए। वे मेरठ रेंज में 2007 में डीआईजी के पद पर तैनात रह चुके हैं। उन्हें मिर्जापुर, फैजाबाद (अब अयोध्या) और सहारनपुर रेंज में तैनाती का अच्छा अनुभव रहा है। प्रशांत भदोही, पौरी गढ़वाल( अब उतराखंड का हिस्सा) , सोनभद्र, जौनपुर, गाजियाबाद, फैजाबाद (अब अयोधया), बाराबंकी और सहारनपुर जिलों में कप्तान के रूप में काम करने का मौका मिल चुका है।