पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी डोमिनिका में पकड़ा गया है। एंटीगुआ मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 62 साल का चौकसी डोमिनिका से क्यूबा भागने की फिराक में था, उसी दौरान उसे CID ने दबोच लिया। सूत्रों के मुताबिक, वह एंटीगुआ और बारबुडा से बोट के जरिए डोमिनिका पहुंचा था।
चौकसी 3 दिन पहले एंटीगुआ और बारबुडा से लापता हो गया था। इसके बाद इंटरपोल ने उसके खिलाफ यलो नोटिस जारी किया था। बाद में इसी नोटिस को एंटीगुआ सरकार ने भी रिटेन किया। इसके बाद उसकी तलाश तेज कर दी गई।
डोमिनिका की लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चौकसी को मंगलवार रात पकड़ा गया। हालांकि, उसे गिरफ्तार किया गया है या पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, यह अब तक साफ नहीं हो सका है। डोमिनिका पुलिस अब कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे एंटीगुआ और बारबुडा प्रशासन को सौंपेगी।
एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउनी ने न्यूज एजेंसी से कहा- हमने डोमिनिका सरकार से उसे (मेहुल चौकसी) को हिरासत में लेने को कहा है। वो गैरकानूनी तौर पर उस देश में दाखिल हुआ है। उसे सीधे भारत के हवाले करना चाहिए। हालांकि, डोमिनिका सरकार ने चौकसी को एंटीगुआ सरकार को सौंपने का निर्णय लिया है। इसके बाद एंटीगुआ के पीएम ने कहा कि चौकसी को अब हम सीधे भारत को सौंपेंगे।
एक दिन पहले यह खबर आई थी कि चौकसी एंटीगुआ-बारबुडा से लापता हो गया है। वहां की मीडिया के मुताबिक पुलिस रविवार से चौकसी की तलाश कर रही थी। चौकसी आखिरी बार रविवार शाम 5.15 बजे उसकी कार में देखा गया था। उसकी कार तो मिल गई, लेकिन चौकसी का पता नहीं चल पाया। इस बारे में पुलिस ने उसके वकील को भी बताया था, लेकिन उन्होंने भी इसका कोई जवाब नहीं दिया।
14,500 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोपी चौकसी जनवरी 2018 में विदेश भाग गया था। बाद में पता चला कि वह 2017 में ही एंटीगुआ-बारबुडा की नागरिकता ले चुका था। पीएनबी घोटाले की जांच कर रही है केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी एजेंसिया चौकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं।
वह खराब सेहत का हवाला देकर भारत में पेशी पर आने से इनकार कर चुका है। कभी कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसकी पेशी होती है। भारत में उसकी कई संपत्तियां भी जब्त की जा चुकी हैं।
इस घोटाले का मुख्य आरोपी चौकसी का भांजा नीरव मोदी लंदन की जेल में है। वहां की अदालत और सरकार ने उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी भी दे दी है। लेकिन नीरव ने प्रत्यर्पण के फैसले को लंदन के हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला आने में 10 से 12 महीने का वक्त लग सकता है।