दिल्ली के एक मशरूम किसान पप्पन गहलोत ने अपने यहां काम कर रहे 10 मजदूरों को हवाई जहाज से उनके घर भेजकर अन्य नियोक्ताओं के लिए एक मिसाल कायम की है। पप्पन गहलोत के इस कार्य से उनके मजदूर भी बेहद खुश दिखाई दिए। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के दौरान उनके मालिक ने सभी तरह से उनका पूरा ध्यान रखा और अब हवाई जहाज से वापस भेजकर उनका दिल जीत लिया है। मजदूरों ने बताया कि वह पहली बार हवाई यात्रा करेंगे, यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे विमान से यात्रा करेंगे।
इन प्रवासियों की बिहार की राजधानी पटना के लिए उड़ान गुरुवार सुबह छह बजे थी। इन्होंने अप्रैल में घर जाने की योजना बनाई थी और अब उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था कि वे समस्तीपुर में अपने घर पैदल चलकर या साइकिल से नहीं बल्कि विमान यात्रा करके जाने वाले हैं।
अपने बेटे के साथ लौट रहे लखिंदर राम ने बताया कि मैंने जिदंगी में कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हवाई जहाज में सफर करूंगा। मेरे पास अपनी खुशी बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। उन्होंने दिल्ली के तिगिपुर गांव के मशरूम उत्पादक किसान पप्पन सिंह का आभार जताया।
लखिंदर ने जब पत्नी को बताया कि वह विमान से घर लौटेंगे तो वह विश्वास नहीं कर पाई। उनका बेटा नवीन राम पप्पन के खेतों में आठ साल से काम कर रहा है जबकि 50 वर्षीय लखिंदर खुद 27 साल से उनके साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद से उनके नियोक्ता ने उनके रहने, खाने का पूरा ध्यान रखा।
पप्पन ने बताया कि उन्होंने 68,000 रुपये के टिकट बुक किए और सभी को तीन-तीन हजार रुपये नकद दिए ताकि घर पहुंचने में उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।
पप्पन ने बताया कि ये सभी 10 कर्मचारी बिहार के लिए ट्रेन से अप्रैल के पहले ही हफ्ते में निकल लिए होते लेकिन लॉकडाउन के कारण वे नहीं जा पाए। उन्होंने बताया कि श्रमिक विशेष ट्रेनों से उन्हें घर भेजने में जब वह सफल नहीं हुए तब यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें हजारों मील पैदल भेजने का जोखिम नहीं ले सकता था । इससे उनका जीवन खतरे में पड़ सकता था।