नियंत्रण के लिए किया टीमों का गठन
• मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने समीक्षा कर सम्बन्धित जिलों के जिलाधिकारियों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी दल से बचाव के लिए उचित कार्रवाई करने के दिए निर्देश
• गठित टीमें टिड्डियों की गतिविधियों पर निगरानी रखकर सम्बन्धित जिलों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश के रही जारी
• टिड्डियों द्वारा आक्रमण करने की स्थिति में एक साथ इकट्ठा होकर ढोल, नगाड़े, टीन के डब्बे, थालियां आदि को बजाते हुए शोर मचाने की एडवाइजरी भी जारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिड्डी दल पर नियंत्रण करने के लिए प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों जैसे झांसी, ललितपुर, आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, इटावा एवं कानपुर देहात आदि जनपदों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने समीक्षा कर सम्बन्धित जिलों के जिलाधिकारियों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी दल से बचाव के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा है। आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की व्यवस्था केे अनुसार जिलाधिकारियों को कोषागार नियम-27 के अन्तर्गत संसाधनों की व्यवस्था के लिए धनराशि व्यय करने के निर्देश दिये गए हैं।
प्रदेश स्तर पर टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए नियंत्रण कक्ष तथा टीमों का गठन किया जा चुका है, जो टिड्डी दलों के प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में भ्रमण एवं उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखकर सम्बन्धित जिलों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश जारी कर रहा है। जिला मुख्यालयों पर इस के लिए नोडल अधिकारी, टास्क फोर्स एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश के क्रम में जनपदों में भी गठन की कार्यवाही की जा चुकी है। टिड्डी के प्रकोप उनसे बचाव तथा सावधानियों से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी विषयक एक फोल्डर तैयार कर प्रदेश के सभी जनपदों के विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध करा दिया गया है, साथ ही इसे किसानों एवं जन सामान्य को भी उपलब्ध कराया गया है।
टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों सहित समस्त क्षेत्रीय कार्मिकों तथा सोशल मीडिया के माध्यम से त्वरित ढंग से कृषकों तक पहुंचाने के लिए सम्बन्धित जनपदों को निर्देश दिए गए हैं। टिड्डियों द्वारा आक्रमण करने की स्थिति में एक साथ इकट्ठा होकर ढोल, नगाड़े, टीन के डब्बे, थालियां आदि को बजाते हुए शोर मचाने की एडवाइजरी भी जारी कर दी गयी है। कृषि विभाग के जनपदीय अधिकारियों को लोकस्ट वार्निंग आर्गनाइजेशन की तकनीकी टीम और क्षेत्रीय निवासियों/कृषकों से निरन्तर समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिये गये हैं। कृषि विश्वविद्यालय और केन्द्रीय एकीकृत नाशिजीव प्रबन्धन केन्द्रों लखनऊ, गोरखपुर एवं आगरा का भी सहयोग लेने के भी निर्देश दिये गये हैं।