पूरी दुनिया एक तरफ कोरोना वायरस के कारण जो समस्या पैदा हुई है, जिंदगियां बचाने के लिए दुनिया जंग लड़ रही है। ऐसी संकट की घड़ी में हिन्दुस्तान के लिए केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें हों, सभी डिपार्टमेंट और एक प्रकार से सभी नागरिक, ये कोरोना वायरस की लड़ाई में पिछले दो-ढाई महीने से लगे हुए हैं।
ऐसे समय साइक्लोन का इतना बड़ा संकट और वो भी सुपर-साइक्लोन, बहुत ही चिंता का विषय था। बंगाल जाते-जाते वो उड़ीसा को भी कितना नुकसान कर पाएगा, ये हमेशा चिंता का विषय बना रहा। लेकिन जिस प्रकार से यहां पर व्यवस्थाएं institutionalize हुई हैं, गांव तक नागरिकों को क्या करना है ऐसे संकट के समय, इसकी भली-भांति जानकारी होने के कारण यहां जीवन बचाने में बहुत बड़ी सफलता मिली है। और इसके लिए उड़ीसा के नागरिक, उड़ीसा का प्रशासन और उड़ीसा के मुख्यमंत्री श्रीमान नवीन बाबू उनकी पूरी टीम अभिनंदन के अधिकारी हैं।
लेकिन जब इतनी बड़ी प्राकृतिक आपदा आती है, तब संपत्ति का नुकसान तो होता ही है। पश्चिम बंगाल की तुलना में उड़ीसा में उतना नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन जाते-जाते भी वो पूंछ पटक करके तो जाता ही है, ऐसे प्रकार का संकट। और इसलिए हाउसिंग में, एग्रीकल्चर में, पॉवर में, कॉम्युनिकेशन में, इंफ्रास्ट्रक्चर में जो नुकसान हुआ है तो मैंने आज पूरा detail review लिया है। राज्य सरकार ने भी विस्तार से मेरे सामने सारी बातें रखी हैं।
यहां के सरकार की व्यवस्था की तरफ से बहुत ही जल्द उसका आकलन करके रिपोर्ट भारत सरकार को मिलेगी। भारत सरकार की टीम भी तत्काल यहां पहुंचेगी और पूरी परिस्थिति का review कर-करके लंबे समय के लिए relief हो, restore करने की बात हो, rehabilitation की बात हो; इन सारी चीजों को प्राथमिकता देते हुए काम आगे बढाया जाएगा।
लेकिन तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की तरफ से 500 करोड़ रुपया एडवांस व्यवस्था के रूप में देने का हमने निर्णय किया है। और बाकी आवश्यकताएं एक बार complete survey होने के बाद, rehabilitation की पूरी योजना बनने के बाद भारत सरकार भी कंधे से कंधा मिला करके उड़ीसा के विकास की यात्रा में और इस संकट की घड़ी से बाहर निकलने के काम में पूरी तरह मदद करेगी।
बहुत-बहुत धन्यवाद।